बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: पार्थ चटर्जी पर अयोग्य अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए सचिव नियुक्त करने का आरोप
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ने अदालत में दावा किया कि पार्थ चटर्जी ने अयोग्य अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए एसएससी में नए सचिव की नियुक्ति की। 2020 में अशोक साहा को सचिव बनाया गया था जिसके पहले पार्थ चटर्जी ने शिक्षा विभाग में बैठक की थी। सीबीआई ने एसएससी अधिकारी का बयान अदालत में जमा किया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने अदालत में दावा किया कि मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अयोग्य अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) में नए सचिव की नियुक्ति की थी।
मालूम हो कि वर्ष 2020 में अशोक साहा को एसएससी का सचिव बनाया गया था। उससे कुछ समय पहले ही पार्थ चटर्जी ने शिक्षा विभाग के कार्यालय विकास भवन में इसे लेकर जरुरी बैठक की थी। सीबीआइ ने प्रमाण के तौर पर एसएससी के एक अधिकारी का लिखित बयान अलीपुर स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में जमा किया है।
कोरोना महामारी के दौरान कई अयोग्य अभ्यर्थी हुए भर्ती
सीबीआइ ने आगे कहा कि 2020 में कोरोना महामारी के समय भी कई अयोग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र दिया गया था। कई ऐसे अभ्यर्थी भी थे, जिन्होंने परीक्षा तक नहीं दी थी। अयोग्य अभ्यर्थियों की उनकी पसंद के स्कूल में नियुक्ति की गई थी। वहां शिक्षकों के पद रिक्त नहीं होने पर भी मौखिक आदेश देकर नियुक्ति कराई जाती थी।
एसएससी के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, अशोक साहा व एक अन्य सचिव सुबीरेश भट्टाचार्य इस तरह का आदेश दिया करते थे। सचिव के पद पर बैठने के बाद अशोक साहा ने अपनी बेटी की भी सरकारी विभाग में नियुक्ति कराई थी।
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