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    'जान दे दूंगी लेकिन...', बंगाल में SIR के पहले दिन सियासी संग्राम; सीएम ममता ने निकाला मार्च

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:19 PM (IST)

    बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासी घमासान मचा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसआईआर के विरोध में मार्च निकाला, वहीं भाजपा ने समर्थन में जुलूस निकाला। ममता ने भाजपा पर लोगों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया और कहा कि एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो दिल्ली में आंदोलन होगा। अभिषेक बनर्जी ने भी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। 

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    ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होने के पहले दिन ही जबर्दस्त सियासी संग्राम देखने को मिला। एसआइआर के विरोध में एक तरफ जहां मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं व मंत्रियों के साथ कोलकाता में सड़क पर उतरकर एक विशाल विरोध मार्च का नेतृत्व किया।

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    इस मार्च में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव व ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी भी शामिल हुए। करीब चार किलोमीटर लंबा यह पैदल मार्च कोलकाता के ऐतिहासिक रेड रोड से शुरू होकर जोड़ासांकों ठाकुरबाड़ी (रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास) के पास समाप्त हुआ, जिसमें हजारों तृणमूल कार्यकर्ता व समर्थक हाथों में एसआइआर के विरुद्ध पोस्टर और बैनर लेकर शामिल हुए।

    बीजेपी ने एसआईआर के समर्थन में निकाला जुलूस

    वहीं, दूसरी ओर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने एसआइआर के समर्थन और इसके माध्यम से घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की मांग को लेकर कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी में जुलूस का नेतृत्व किया।

    उधर, हुगली जिले के सिंगुर में भाजपा द्वारा एसआइआर के समर्थन में आयोजित एक सभा पर हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। आरोप है कि सभा में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने भाजपा के आरोपों का खंडन किया है।

    जान दे दूंगी, लेकिन किसी का अधिकार नहीं छीनने दूंगी: ममता

    पैदल मार्च के समापन के बाद सभा को संबोधित करते हुए ममता व अभिषेक ने एसआइआर को लेकर भाजपा व केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। ममता ने कहा कि चुनाव आयोग की मिलीभगत से भाजपा लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार छीनना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं जान दे दूंगी, लेकिन किसी का भी अधिकार छीनने नहीं दूंगी। एक भी वैध मतदाता का नाम कटने पर दिल्ली जाकर बड़े आंदोलन व घेराव की उन्होंने फिर चेतावनी दी। ममता ने कहा कि लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई जारी रहेगी।

    भाजपा को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने की हुंकार भरते हुए ममता ने कहा कि हमारा वोट हमारा अधिकार है। मैं इसे छीनने नहीं दूंगी। ममता ने आरोप लगाया कि बंगाल में दो करोड़ लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाकर भाजपा चुनाव जीतना चाहती है। ममता ने चुनाव आयोग से सवाल करते हुए कहा कि आयोग को यह बताना चाहिए कि बिहार में एसआइआर के बाद कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी पाए गए।

    ममता ने बीजेपी पर साधा निशाना

    उन्होंने कहा कि अगर बंगाल में एक भी योग्य मतदाता को मतदाता सूची से हटा दिया जाता है, तो टीएमसी भाजपा सरकार के पतन को सुनिश्चित करेगी। ममता ने रेड रोड पर स्थित डा बीआर आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मार्च प्रारंभ किया और हाथ में संविधान की किताब भी लिए थीं। मार्च में सभी धर्मों के प्रतिनिधि सहित एसआइआर के कथित डर से हाल में मरने वालों के स्वजन भी शामिल हुए।

    ममता ने पीएम मोदी से पूछे सवाल

    ममता ने कहा कि भाजपा मतदाता सूची में गड़बड़ी व फर्जी लोगों के नाम शामिल होने की बात करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना उन्होंने सवाल किया कि अगर ऐसा है तो आप इतने सालों से किस वोटर लिस्ट से जीतते आए हैं और केंद्र व कई राज्यों की सत्ता में हैं? अगर ये लिस्ट झूठी है, तो आपकी सरकार भी झूठी है, आपका पद भी झूठ है। उन्होंने कहा कि दिखाने के लिए मोदी हर साल कुछ न कुछ कर रहे हैं। एक बार उन्होंने नोटबंदी की। आज हमें बताइए, क्या आप काला धन वापस लाए? कितना काला धन वापस आया?
    ममता ने कहा कि बंगाल में कोई धमकी-चमकी नहीं चलेगी। बंगाल किसी से डरता नहीं है। आजादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा खून बंगाल ने दिया है।

    एक भी वैध मतदाता का नाम कटने पर बंगाल दिखा देगा अपनी ताकत : अभिषेक

    वहीं, तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हुंकार भरते हुए कहा कि एक भी वैध मतदाता का नाम कटने पर बंगाल एसआइआर के खिलाफ पूरे देश को अपनी ताकत दिखा देगा। अभिषेक ने कहा कि बंगाल में एसआइआर के डर से सात दिनों में सात लोगों ने अपनी जान दे दी है।

    उन्होंने लोगों से एसआइआर के कारण सात बंगाली मतदाताओं की मौत के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर उतरने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। अभिषेक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी मनमानी और मनमर्जी के अनुसार आम लोगों पर अपनी शर्तें थोप रहे हैं - चाहे वह नोटबंदी हो या नागरिकता के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करना हो।

    अभिषेक ने लोगों से कहा- मैंने आपसे आने वाले दिनों में दिल्ली में बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार रहने को कहा था। सभी इसके लिए तैयार हैं। अगला 2026 का चुनाव (बंगाल चुनाव) जीतने और ममता बनर्जी को चौथी बार सीएम चुनने की लड़ाई नहीं है, बल्कि अगला चुनाव भाजपा को शून्य सीटों पर लाने के लिए है।

    किसी का नाम कटने पर खून की नदिया बहेंगी : राजीब बनर्जी

    उधर, तृणमूल नेता व पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी ने धमकी दी कि एसआइआर में किसी वैध मतदाता का नाम कटने पर खून की नदिया बह जाएगी।

    एसआइआर के डर से मौत के लिए ममता जिम्मेदार है : सुवेंदु

    वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ममता व तृणमूल पर एसआइआर को लेकर भय पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने एसआइआर के कथित डर से कुछ लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के लिए ममता को जिम्मेदार ठहराया।