Bengal News: नए IAS अधिकारियों को दुआरे सरकार योजना के तहत किया जाएगा प्रशिक्षित, सरकार ने बताया पूरा प्लान
Bengal News प्रशासनिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि दिल्ली से लौटने पर उन्हें कार्यों में कोई कठिनाई नहीं होगी। दुआरे सरकार के एक नवंबर से 30 नवंबर तक शिविर लगेंगे। 1-15 नवंबर तक मोहल्ले की समस्याओं के सुलझाने का काम जारी रहेगा।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal News: राज्य सरकार ने अपनी योजना दुआरे सरकार (द्वार पर सरकार) के जरिए नए आइएएस अधिकारियों के जिलेवार प्रशिक्षण का आदेश दिया है। सितंबर 2021 के नए आइएएस अधिकारियों का बैच राज्य में शामिल हुआ है।
परंपरा के अनुसार उन्हें जिले में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। राज्य सचिवालय ने उस बैच के हर अधिकारी को जिले में सरकारी कार्यक्रम से जोड़ा है। प्रशासनिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि दिल्ली में केंद्र के अनिवार्य प्रशिक्षण में भाग लेने से पहले संबंधित अधिकारियों के लिए द्वार पर सरकार का अनुभव होना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे दिल्ली से लौटने पर उन्हें कार्यों में कोई कठिनाई नहीं होगी।
2021 बैच के 13 अधिकारी अब तक नेताजी सुभाष प्रशासनिक प्रशिक्षण केंद्र में रह चुके हैं। दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें दोनों मेदिनीपुर, हुगली, पुरुलिया, बांकुड़ा, नदिया, उत्तर 24 परगना, बीरभूम, हावड़ा, पूर्व बद्र्धमान, जलपाईगुड़ी, मुर्शिदाबाद और कूचबिहार भेजा गया है। संबंधित जिलाधिकारियों को सरकारी शिविरों में परिवीक्षाधीन अधिकारियों को अन्य कार्य देने के लिए कहा गया है।
एक नवंबर से 30 नवंबर तक शिविर लगेंगे
दुआरे सरकार के तहत एक नवंबर से 30 नवंबर तक शिविर लगेंगे। 1-15 नवंबर तक मोहल्ले की समस्याओं के सुलझाने का काम जारी रहेगा। यह सेवा 31 नवंबर तक प्रदान की जाएगी। अधिकारियों का एक वर्ग सवाल कर रहा है कि मध्य सितंबर में राज्य में आए आइएएस अधिकारियों को इतने लंबे समय के बाद जिला प्रशिक्षण क्यों मिल रहा है।
हालांकि सरकारी सूत्रों ने बताया कि पूजा की छुट्टियों से पहले ज्वाइन करने वाले आइएएस अधिकारी प्रशासनिक प्रशिक्षण केंद्र में थे। उसके बाद पूजा की छुट्टी होने के कारण उन्हें तत्काल जिले में नहीं भेजा जा सका। लेकिन अब वे सीधे योजना द्वार पर सरकार का काम देख सकते हैं।
नतीजतन यह समझना मुश्किल नहीं होगा कि राज्य सरकार अब कैसे काम कर रही है। इन अधिकारियों के लिए यह भी जरूरी है कि वे जिले में जाकर पंचायत और भूमि विभाग के कामों को जानें। हालांकि यह कब और कैसे होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।
अधिकारी प्रशिक्षण के लिए दिल्ली जाएंगे
कई प्रशासनिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ये अधिकारी जल्द ही केंद्र सरकार में प्रशिक्षण लेने के लिए तीन महीने के लिए दिल्ली जाएंगे। इससे पहले दिल्ली से वापस काम करने में कोई कठिनाई नहीं होगी क्योंकि राज्य के कामकाज के बारे में एक विचार बनता है। रिवाज के मुताबिक किसी भी बैच के नए आइएएस अधिकारियों को शुरुआत में तीन महीने के फाउंडेशन कोर्स से गुजरना पड़ता है।
इसके बाद फेज-1 ट्रेनिंग होती है। उसके बाद जब वे अधिकारी अपने राज्य कैडर में शामिल होते हैं, तो सरकार उन्हें जिला-प्रशिक्षण या प्रशासनिक प्रशिक्षण केंद्रों (एटीआइ) में भेजती है। उसके बाद उन अधिकारियों को चरण-2 के प्रशिक्षण के तहत तीन माह के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों में जाना होता है। वहां से लौटने के बाद नए आइएएस अधिकारियों को राज्य कार्यालयों में ओएसडी के रूप में काम करना सीखने के बाद उप-मंडल मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया जाता है।

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