बंगाल में SIR ने छीन ली एक और जिंदगी, मतदाता सूची से नाम हटने के डर से शख्स ने की आत्महत्या
दक्षिण 24 परगना में मतदाता सूची से नाम हटने के डर से शफीक-उल-गाजी नामक एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। टीएमसी ने एसआइआर के डर से यह आठवीं घटना बताई है। परिवार के अनुसार, गाजी दुर्घटना के बाद मानसिक रूप से परेशान थे और वैध पहचान पत्र न होने से डरे हुए थे। टीएमसी ने भाजपा पर डराने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने टीएमसी पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया।

दक्षिण 24 परगना में आत्महत्या। जागरण फोटो
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान मतदाता सूची से नाम हटाए जाने के कारण कथित तौर पर भयभीत अधेड़ उम्र के एक व्यक्ति ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि एसआइआर के डर से राज्य में आत्महत्या की यह आठवीं घटना है।
मृतक की पहचान शफीक-उल-गाजी के रूप में हुई है, जो मूल रूप से उत्तर 24 परगना के घुसिघाटा का निवासी था और पिछले कुछ महीने से भांगड़ के जयपुर इलाके में अपनी ससुराल के मकान में रह रहा था। परिवार के सदस्यों के अनुसार, गाजी को कुछ महीने पहले एक दुर्घटना में चोट आई थीं और तब से वह मानसिक रूप से परेशान था।
मतदाता सूची से नाम हटने का डर
राज्य में एसआइआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद से उसकी चिंता बढ़ गई थी। मृतक की पत्नी ने बताया कि वह वैध पहचान पत्र न होने से भयभीत थे। वह बार-बार कहते थे कि उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। डर की वजह से वह बीमार पड़ गए थे। आज सुबह चाय पीने के बाद वह बकरियों को बांधने गए और बाद में हमने उन्हें बकरी के बाड़े में गमछे से बनाए गए फंदे लटके हुए पाया।
टीएमसी ने भाजपा पर लगाया आरोप
शोक संतप्त परिवार से मिलने पहुंचे कैनिंग ईस्ट से टीएमसी के विधायक शौकत मोल्ला ने आरोप लगाया कि यह गरीब लोगों को डराने और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करने की भाजपा की साजिश के कारण हो रहा है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि टीएमसी इन मौत के आंकड़ों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए और भाजपा को बदनाम करने के लिए कर रही है।

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