बंगाल में आतंकियों की घुसपैठ पर अब लगेगी लगाम, लिया गया बड़ा फैसला
Bengal news बंगाल में आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ रही हैं और इसी के चलते कई आतंकियों की गिरफ्तारी हो रही है। इसी के तहत भारत-बांग्लादेश पेट्रापोल बार्डर पर स्थित 10 गांव में 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह फैसला ग्राम पंचायत की तरफ से लिया गया है क्योंकि लगातार इन गांवों में घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

जेएनएन, कोलकाता। बांग्लादेश में जहां हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा हो रही है तो दूसरी ओर बंगाल में आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ रही हैं और कई आतंकियों की गिरफ्तारी हो रही है। बांग्लादेश से घुसपैठ तेजी से हो रही है। असम पुलिस द्वारा दो आतंकवादियों को मुर्शिदाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से ही प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गई है।
गांवों में लगाए जाएंगे सीसीटीवी
इसी के तहत भारत-बांग्लादेश पेट्रापोल बार्डर पर स्थित 10 गांव में 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह फैसला ग्राम पंचायत की तरफ से लिया गया है, क्योंकि लगातार इन गांवों में घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
ग्राम पंचायत ने लिया बड़ा फैसला
ग्राम पंचायत का मानना है कि गांव में लगातार हो रही घुसपैठ पूरे इलाके के लिए खतरा है। नए साल के मौके को देखते हुए साल 2025 में कोई बड़ा हादसा न हो, इसके लिए पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है। भारत-बांग्लादेश बार्डर के इलाकों में जगह-जगह पर बीएसएफ के जवानों की संख्या बढ़ाई गई है।
वहीं, राजधानी कोलकाता में पुलिस पूरी तरह से सतर्क है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार राज्य में बांग्लादेशी आतंकवादी पकड़े जा रहे हैं।
माल वाहनों की संख्या भी कम की गई
बांग्लादेश में हो रही हिंसा के मद्देनजर दोनों देशों के बीच आने-जाने वाले माल वाहनों की संख्या भी कम की गई है। पहले जहां प्रतिदिन औसतन 450 से 500 मालवाहक वाहनों का आना-जाना होता था, वह अब घटकर 70 से 50 ही रह गए हैं।
मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर व दक्षिण 24 परगना से लेकर उत्तर बंगाल के अन्य सीमावर्ती इलाकों में बीएसएफ बटालियन की संख्या बढ़ाई गई है। इन सभी जगहों में बीएसएफ के जवान निगरानी रखे हुए हैं।
हिंदू बांग्लादेश से पलायन को मजबूर
बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हो रहे हमलों से हिंदू बांग्लादेश से पलायन को मजबूर हो रहे हैं। इससे बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इसी बात का डर ट्रक ड्राइवरों को सता रहा है और अब हिंदू ट्रक ड्राइवर बांग्लादेश जाने से कतरा रहे हैं।

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