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    Bengal: सुवेंदु को रैली की अनुमति नहीं देने को लेकर हाई कोर्ट ने लगाई ममता सरकार को फटकार

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 24 Aug 2023 05:40 PM (IST)

    एकलपीठ ने विपक्ष के नेता को 26 अगस्त को उसी स्थान पर रैली आयोजित करने की भी अनुमति दी। सभा मूल रूप से 19 अगस्त को निर्धारित थी लेकिन अंतिम क्षण में रद कर दिया गया। जिला पुलिस प्रशासन ने 18 अगस्त से ठीक एक दिन पहले धारा 144 लागू कर दी। इसके बाद अधिकारी ने सभा की तारीख 26 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी थी।

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    जज ने कहा- विपक्ष को सार्वजनिक सभा करने से रोकने की कोशिशें पूरी तरह से बचकानी हरकतें हैं

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। विपक्षी दलों के लिए सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने में अनावश्यक बाधाएं पैदा करने के लिए बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा। इस मुद्दे पर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष को सार्वजनिक सभा करने से रोकने की कोशिशें पूरी तरह से बचकानी हरकतें हैं।

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    यह एक पुलिस राज्य नहीं है: न्यायाधीश

    न्यायाधीश ने कहा कि यह एक पुलिस राज्य नहीं है। न ही राज्य में आपातकाल है। आप इस तरह विपक्षी गतिविधियों को रोकने के लिए बच्चों की तरह नहीं लड़ सकते। उन्होंने यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के खेजुरी में भाजपा की एक सार्वजनिक सभा की अनुमति नहीं मिलने के फैसले को चुनौती दी थी।

    अंतिम क्षण में रद की गई रैली

    एकलपीठ ने विपक्ष के नेता को 26 अगस्त को उसी स्थान पर रैली आयोजित करने की भी अनुमति दी। सभा मूल रूप से 19 अगस्त को निर्धारित थी, लेकिन अंतिम क्षण में रद कर दिया गया। जिला पुलिस प्रशासन ने 18 अगस्त से ठीक एक दिन पहले धारा 144 लागू कर दी। इसके बाद, अधिकारी ने सभा की तारीख 26 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी थी।

    विपक्ष के नेता ने कलकत्ता हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

    इस बार पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया जिसके बाद विपक्ष के नेता ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गुरुवार को न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने यह भी कहा कि जिला पुलिस ने धारा 144 लगाते समय उचित कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया। उनके अनुसार, बिना कारण बताए धारा 144 लगाई गई थी। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के भी खिलाफ है। न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कहा, बिना कोई कारण बताए धारा 144 इस तरह से नहीं लगाई जा सकती और वह भी सभा से ठीक एक दिन पहले।