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    मुर्शिदाबाद जाकर हिंसा पीड़ितों से मिले राज्यपाल बोस, BJP बोली 'केजरीवाल-सोरेन जेल जा सकते हैं तो ममता क्यों नहीं'

    बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद हिंसा को शर्मनाक व निंदनीय करार दिया है। मालदा के बाद उन्होंने शनिवार को मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित जाफराबाद और बेदवान क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद व क्षेत्र में शांति बहाली का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने कहा कि यह एक नृशंस घटना है। इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 20 Apr 2025 06:54 AM (IST)
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    मुर्शिदाबाद जाकर हिंसा पीड़ितों से मिले राज्यपाल बोस (फोटो- एक्स)

     जागरण संवाददाता, बेदवान (मुर्शिदाबाद)। बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद हिंसा को शर्मनाक व निंदनीय करार दिया है। मालदा के बाद उन्होंने शनिवार को मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित जाफराबाद और बेदवान क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद व क्षेत्र में शांति बहाली का आश्वासन दिया।

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    राज्यपाल ने कहा कि यह एक नृशंस घटना है

    राज्यपाल ने कहा कि यह एक नृशंस घटना है। इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो, इस बाबत ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। जाफराबाद में हिंसा में मारे गए पिता-पुत्र के परिवार से मिलकर बोस ने संवेदना व्यक्त की। इसके बाद वह बेदवान गांव पहुंचे, जहां हिंसा में घर और धार्मिक स्थल क्षतिग्रस्त हुए हैं।

    लोकतंत्र में हिंसा, डर और धमकी की कोई जगह नहीं- राज्यपाल

    राज्यपाल ने कहा-'यहां जो हुआ, वह अत्यंत शर्मनाक है। लोकतंत्र में हिंसा, डर और धमकी की कोई जगह नहीं है। मैं यहां पीड़ितों से सीधे संवाद करने आया हूं। शांति बहाली हमारी प्राथमिकता है। संविधान की रक्षा हमारा कर्तव्य है। मैं केंद्र, राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर समस्या के समाधान के लिए काम करूंगा।' बेदवान में हिंसा पीड़ित ग्रामीण अपनी मांगों के पोस्टर लेकर इकट्ठा हुए थे।

    राज्यपाल का काफिला शुरू में गांव में रुके बिना आगे बढ़ गया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी फैल गई। नाराज ग्रामीणों ने काफिले की पीछे की गाडि़यों को रोककर विरोध किया। करीब एक घंटे के हंगामे के बाद राज्यपाल वहां आए और पीड़ितों की समस्याएं सुनीं। पीड़ित महिलाओं ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। यहां राज्यपाल ने हिंसा में क्षतिग्रस्त शिव मंदिर और जले हुए घरों का निरीक्षण किया।

    एनसीडब्ल्यू से महिलाओं ने की एनआइए जांच की मांग

    राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की एक टीम ने शनिवार को मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। टीम का नेतृत्व अध्यक्ष विजया राहटकर ने किया। उन्होंने हिंसा पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।

    पीड़ित महिलाओं ने स्थायी बीएसएफ कैंप स्थापित करने और हिंसा की एनआइए जांच की मांग की। राहटकर ने कहा कि वह महिलाओं का दुख देखकर स्तब्ध हैं। हिंसा के दौरान जो कुछ उन्होंने झेला, वह कल्पना से परे है।

    तृणमूल ने निष्पक्षता पर उठाया सवाल

    तृणमूल ने एनसीडब्ल्यू की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने कहा कि एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार, जो इस दौरे में प्रमुखता से दिखाई दीं, वह भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। वह 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर हार गई थीं। एनसीडब्ल्यू भाजपा की राजनीतिक शाखा की तरह काम कर रहा है।

    केजरीवाल-सोरेन जेल जा सकते हैं तो ममता क्यों नहीं

    भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने मुर्शिदाबाद हिंसा को 'राज्य प्रायोजित' करार देते हुए कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल व हेमंत सोरेन जेल जा सकते हैं तो राज्य में हिंसा फैलाने के लिए ममता को जेल की सजा क्यों नहीं हो सकती? आगे कहा कि मुर्शिदाबाद में जो हुआ, वह आंखें खोलने वाला है। क्या यह सीरिया, अफगानिस्तान अथवा पाकिस्तान है? इन सबके पीछे ममता बनर्जी हैं जबकि वह भाजपा व बीएसएफ पर दोषारोपण कर रही हैं।

    तृणमूल ने राहत शिविरों को बना दिया है डिटेंशन कैंप

    भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल सरकार पर हिंसा पीड़ितों के लिए बने राहत शिविरों को डिटेंशन कैंप में बदलने का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस-प्रशासन बाहरी लोगों को हिंसा पीड़ितों से मिलने से रोक रहा है।

    पीड़ितों को दु‌र्व्यवस्था में रहने को भी मजबूर किया जा रहा है। उन्हें घटिया चावल और कीड़े वाली सब्जियां खिलाई जा रही हैं। बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि मुर्शिदाबाद में तनाव कायम है। केंद्रीय बलों के चले जाने से वहां स्थिति फिर बिगड़ सकती है।

    बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। मुर्शिदाबाद हिंसा में प्रशासनिक विफलता इसका स्पष्ट संकेत है। रिपोर्ट बताती हैं कि हिंदू परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है।

    आगे कहा कि एनएचआरसी की एक उच्च स्तरीय टीम, जिसमें महानिदेशक रैंक के एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी शामिल हैं, को जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए मुर्शिदाबाद भेजा गया है।

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