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    West Bengal: गंगासागर में 400 तीर्थयात्रियों को तटरक्षक बल ने बचाया, घने कोहरे के बीच फंस गई थी नाव

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash
    Updated: Tue, 16 Jan 2024 12:16 PM (IST)

    बंगाल के गंगासागर में घने कोहरे के बीच नाव फंसने के बाद तटरक्षक बल ने 140 तीर्थयात्रियों को बचाया। भारतीय तटरक्षक बल के मुताबिक तीर्थयात्री मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र स्नान करने के बाद गंगासागर से लौट रहे थे तभी खराब दृश्यता के कारण उनकी नाव फंस गई। गंगासागर एक हिंदू तीर्थस्थल है जहां हर साल मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं।

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    गंगासागर में 400 तीर्थयात्रियों को तटरक्षक बल ने बचाया (Image: ani)

    एएनआई, कोलकाता। Gangasagar pilgrimage: पश्चिम बंगाल में गंगासागर तीर्थ स्थल के पास नामखाना, काकद्वीप क्षेत्र में 400 तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद भारतीय तटरक्षक बल ने आज एक बड़ा बचाव अभियान शुरू किया।

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    तटरक्षक बल ने हल्दिया से होवरक्राफ्ट तैनात किए और अब तक लगभग 140 तीर्थयात्रियों को बचाया गया है और ऑपरेशन अभी भी जारी है। भारतीय तटरक्षक बल के मुताबिक, तीर्थयात्री मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र स्नान करने के बाद गंगासागर से लौट रहे थे, तभी खराब दृश्यता के कारण उनकी नाव फंस गई।

    17 जनवरी तक चलेगा मेला

    मकर संक्रांति पर गंगासागर मेले के दौरान पश्चिम बंगाल के सागरद्वीप में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। यह शुभ दिन उत्सव के माहौल को और बढ़ा देता है, जिससे सभा का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व बढ़ जाता है।कुंभ मेले के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला, गंगासागर मेला मकर संक्रांति के पवित्र दिन से शुरू होता है, जो आम तौर पर हर साल 14 से 15 जनवरी के बीच आता है और 17 जनवरी को समाप्त होता है।

    देश के सबसे पुराने और प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक पर लगने वाले वार्षिक मेले में हर साल श्रद्धालु आते हैं, जो सागरद्वीप में गंगा के पवित्र जल में डुबकी भी लगाते हैं।

    हिंदू तीर्थस्थल गंगासागर

    काकद्वीप पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले का एक शहर है, जो गंगा डेल्टा में स्थित है। जानकारी के लिए बता दें कि गंगासागर एक हिंदू तीर्थस्थल है जहां हर साल मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यहां एक मेला भी आयोजित किया जाता है और इसे 'पूर्वी भारत का सबसे बड़ा तीर्थ मेला' माना जाता है।

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