Bengal PDS Scam: शाहजहां शेख के खिलाफ एक्शन मोड में ED, पीडीएस घोटाला मामले में 6 ठिकानों पर की छापामारी
ED Raid on Shahjahan Sheikh ईडी ने आज सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) घोटाला मामले में फरार टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ उसके 6 ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी द्वारा 29 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए शाहजहां को नया समन जारी करने के एक दिन बाद छापेमारी की गई। तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख पर संदेशखाली में महिलाओं से अत्याचार के भी आरोपी लगे हैं।

एजेंसी, नई दिल्ली। ED Raid on Shahjahan Sheikh संदेशखाली में महिलाओं से अत्याचार के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ईडी ने आज सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) घोटाला मामले में फरार टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ उसके 6 ठिकानों पर छापेमारी की।
ईडी द्वारा 29 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए शाहजहां को नया समन जारी करने के एक दिन बाद छापेमारी की गई।
सेंट्रल हावड़ा में पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता के परिसर पर ईडी की छापेमारी चल रही है। पार्थ कथित तौर पर फरार टीएमसी नेता शेख शाहजहां का करीबी सहयोगी है।
#WATCH | West Bengal | ED raids underway at the premises of one Partha Pratim Sengupta in Central Howrah. He is reportedly a close aide of absconding TMC leader Sheikh Shahjahan.
— ANI (@ANI) February 23, 2024
ED is conducting raids at nearly 6 locations in the state in its ongoing investigation against… pic.twitter.com/Z7JYvJTJZ9
सुबह से ही तलाशी अभियान शुरू
केंद्रीय बलों के साथ, ईडी अधिकारियों ने सुबह से ही तलाशी अभियान शुरू किया। पिछले महीने, संघीय एजेंसी ने मामले के संबंध में अलग-अलग तारीखों पर कई स्थानों पर दो अलग-अलग छापे भी मारे। उन स्थानों में संदेशखली भी शामिल रहा, जो शाहजहां का निवास भी है।
ईडी अधिकारियों पर हुआ था हमला
5 जनवरी को किए गए इसी तरह के एक तलाशी अभियान में ईडी अधिकारियों पर उस समय हमला किया गया था, जब वे जांच के लिए जा रहे थे। उत्तर 24 परगना जिले में शाहजहां और साथी टीएमसी नेता शंकर आध्या के आवासों पर छापेमारी की गई थी, उस समय टीएमसी नेता के समर्थक माने जाने वाले लगभग 200 स्थानीय लोगों ने अधिकारियों और सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को घेर लिया और उन्हें शाहजहां के आवास पर छापा मारने से रोक दिया।
इस घटना में ईडी के दो अधिकारी घायल हो गए थे। घटना के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया था, जिसमें भाजपा के नेताओं ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए, जबकि टीएमसी ने एजेंसी पर स्थानीय लोगों को भड़काने का आरोप लगाया।
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