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    सात दिनों के अंदर रेपिस्ट का हो एनकाउंटर या मिले फांसी, बंगाल डॉक्टर मर्डर केस में अभिषेक बनर्जी का आया बयान

    Bengal Doctor Rape बंगाल की महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या केस में अभिषेक बनर्जी की तीखी प्रतिक्रिया आई है। अभिषेक ने कहा कि जिन लोगों ने ऐसा कृत्य किया हो उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन हमारे देश का कानून और न्याय व्यवस्था ऐसी है कि हमारे हाथ-पैर बंधे हुए हैं। यदि ऐसा कोई अपराध किया जाता है तो अपराधी सख्त सजा मिलनी चाहिए।

    By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 11 Aug 2024 04:15 PM (IST)
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    Bengal Doctor Rape बंगाल दुष्कर्म और हत्या केस में अभिषेक की तीखी प्रतिक्रिया।

    जेएनएन, कोलकाता। Bengal Doctor Rape आरजी कर मेडिकल कालेज में ड्यूटी के दौरान युवा डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी दोषियों को कठोर से कठोर सजा देने की बात कही है। उन्होंने यह भी मांग की कि जल्द सुनवाई पूरी कर अपराधी को एनकाउंटर या फांसी की कड़ी सजा दी जाए।

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    सांसद अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को डायमंड हार्बर में प्रशासनिक बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और घिनौना बताया और कहा कि दोषियों को कठोर से कठोर सजा दी जाए। 

    सात दिनों में मिले न्याय

    अभिषेक ने कहा कि जिन लोगों ने ऐसा कृत्य किया हो उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन हमारे देश का कानून और न्याय व्यवस्था ऐसी है कि हमारे हाथ-पैर बंधे हुए हैं। यदि ऐसा कोई अपराध किया जाता है, तो अपराधी पर सात दिनों के भीतर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और या तो सजा दी जानी चाहिए या फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।

    अध्यादेश लाए केंद्र सरकार

    टीएमसी नेता ने देश की कानून और न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा को अध्यादेश लाना चाहिए। ऐसे मामलों में सुनवाई सात दिनों में पूरी होनी चाहिए। अगर इसे लाया जाता है तो तृणमूल, कांग्रेस, माकपा सभी को उस विधेयक का समर्थन करना चाहिए।

    सजा ऐसी हो, जो बने उदाहरण

    उधर, मुख्यमंत्री ममता ने ने कहा कि अगर घटना की जांच के लिए राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है तो इसकी जांच किसी अन्य एजेंसी से करायी जा सकती है। इस संदर्भ में अभिषेक ने कहा कि क्या सीबीआइ जांच के बाद लड़की वापस आएगी? क्या कोई कह सकता है कि यह घटना दोबारा नहीं दोहराई जाएगी? केवल अनुकरणीय दंड की बात करना आवश्यक नहीं है। एक उदाहरण तो बनना ही चाहिए।

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