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    बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- जादवपुर और कलकत्ता विश्वविद्यालय को शीर्ष रैंकिंग मिलना गर्व की बात

    मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि मुझे गर्व है कि एनआईआरएफ-2022 इंडिया रैंकिंग के अनुसार देश में राज्य द्वारा पोषित विश्वविद्यालयों में जादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय को प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।शिक्षा मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी की दूरदृष्टि वाले नेतृत्व ने पुनः खुद को साबित किया।

    By Priti JhaEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2022 11:48 AM (IST)
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    बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- जादवपुर और कलकत्ता विश्वविद्यालय को शीर्ष रैंकिंग मिलना गर्व की बात

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि जादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय को ‘एनआइआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022’ में राज्य द्वारा पोषित विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष दो में स्थान मिला है। शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु ने इस उपलब्धि का श्रेय सुश्री बनर्जी के दूरदृष्टि वाले नेतृत्व को दिया। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि मुझे गर्व है कि एनआईआरएफ-2022 इंडिया रैंकिंग के अनुसार देश में राज्य द्वारा पोषित विश्वविद्यालयों में जादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय को प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। कालेज में सेंट जेवियर को आठवां स्थान मिला है। अकादमिक समुदाय और छात्रों को शुभकामनाएं। विश्वविद्यालयों की कुल रैंकिंग में जादवपुर को चौथा और कलकत्ता विश्वविद्यालय को आठवां स्थान मिला है। पिछले साल कलकत्ता विश्वविद्यालय को चौथा और जादवपुर को आठवां स्थान प्राप्त हुआ था।

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    शिक्षा मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी की दूरदृष्टि वाले नेतृत्व ने पुनः खुद को साबित किया। कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी ने कहा कि शिक्षकों की निरंतर अकादमिक उत्कृष्टता के कारण यह रैंक हासिल हुई। उन्होंने कहा कि इस रैंक से हमें और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव पार्थ प्रतिम राय ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है। 

    किसानों की आय में बढ़ोतरी के मामले में बंगाल पुडुचेरी के साथ शीर्ष स्थान पर

    मालूम हो कि किसानों की आय में बढ़ोतरी के मामले में बंगाल ने पुडुचेरी के साथ संयुक्त रूप से देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन संस्था इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर (आइसीएआर) की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। इस रिपोर्ट को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जारी किया है। बंगाल व पुडुचेरी के अलावा उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ के किसानों की आय भी पिछले पांच वर्षों के दौरान 200 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल के छोटे किसानों की आय में वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 200 प्रतिशत से भी अधिक का इजाफा हुआ है। इसी तरह बड़े किसानों के मामले में, जिनकी कृषि भूमि का परिमाण 10 हेक्टेयर से अधिक है, उनकी आय इस अवधि के दौरान 377 प्रतिशत बढ़ी है। देश के विभिन्न राज्यों के 75 हजार किसानों पर किए गए अनुसंधान में यह तथ्य सामने आया है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्नत प्रौद्योगिकी व सरकारी नीतियों के कारण ही यह सफलता मिली है। गौरतलब है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले से ही दावा करती आ रही हैं कि उनके 11 वर्षों के कार्यकाल में राज्य के किसानों की आय में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है। बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विभिन्न पहल की वजह से ही यह सफलता हासिल रुई है। पार्टी की तरफ से ट्वीट करके कहा गया कि ममता सरकार के 'कृषक बंधु प्रकल्पÓ के तहत 89 लाख किसानों को साल में दो बार आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि दूसरे राज्यों में किसानों की उपेक्षा होती है जबकि बंगाल सरकार हमेशा किसानों के पास खड़ी रहती है। बंगाल में कोरोना के समय भी किसानों की आय बढ़ी है। तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा कि ममता बनर्जी के प्रयास से ही बंगाल के किसानों की आय बढ़ा पाना संभव हो सका है।

    आइसीएआर की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सिर्फ धान की खेती से बंगाल के किसानों की आय नहीं बढ़ी है, इसमें हार्टिकल्चर और पशुपालन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।