Bengal Politics: बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने कहा, पार्टी के लिए राम मंदिर जैसा एक प्रमुख मुद्दा है सीएए
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का यह बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के मुलाकात के एक दिन बाद आया है। सीएए 11 दिसंबर 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और 12 दिसंबर को 24 घंटे के भीतर अधिनियम को अधिसूचित किया गया था।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) उनकी पार्टी के लिए एक प्रमुख मुद्दा है जैसे कि राम मंदिर अतीत में था। उन्होंने वादा किया कि भाजपा सीएए को लागू करेगी और बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सीएए हमारी प्रतिबद्धता है, हम इसे करेंगे। मजूमदार ने कहा कि जिस तरह अखिल भारतीय भाजपा के लिए राम मंदिर एक मुद्दा था, उसी तरह सीएए बंगाल भाजपा के लिए एक मुख्य मुद्दा है। हम बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को नागरिकता देंगे। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के कारण लोग आने को मजबूर हैं। जूमदार की टिप्पणी बंगाल के एक अन्य भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नागरिकता कानून को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह करने के एक दिन बाद आई है।
अपनी प्रतिक्रिया में अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि कोविड टीकाकरण खत्म होने के बाद इसके बारे में नियम बनाए जाएंगे। अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का मुद्दा, जिसके कथित मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह के लिए आलोचकों द्वारा आलोचना की गई थी, इसे लागू करना बंगाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जहां बड़ी संख्या में लोग इसके प्रावधानों से लाभान्वित हो सकते हैं।
सीएए 11 दिसंबर 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और 12 दिसंबर को 24 घंटे के भीतर अधिनियम को अधिसूचित किया गया था। हालांकि, इसका कार्यान्वयन अटका हुआ है क्योंकि अभी तक नियम नहीं बनाए गए हैं। मई में बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कोविड महामारी समाप्त होने के बाद कानून लागू किया जाएगा।
ऐसा माना जा रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इस अधिनियम के विरोध के बाद सरकार इस मामले में सावधानी बरत रही है। यह पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना चाहता है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।
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