दुस्साहस: हांसखाली के बाद अब बंगाल के बादुरिया में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, तीन गिरफ्तार
बंगाल में थम नहीं रही है दुष्कर्म की घटनाएं नदिया के हांसखाली में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता के घर बर्थडे पार्टी में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और उसके परिणामस्वरूप हुई मौत का मामला सामने आने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में दुष्कर्म की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी नदिया जिले के हांसखाली में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर विवाद थमा भी नहीं था कि अब एक और इस तरह का मामला सामने आ गया है। ताजा घटना कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बादुरिया इलाके में हुई है, जहां एक नाबालिग लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। ये घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है और बादुरिया पुलिस स्टेशन में इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के अनुसार, घटना के बाद अपराधियों ने पीडि़ता, उसके परिवार के सदस्यों और उसके दोस्त को इस मामले में पुलिस से संपर्क करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की भी धमकी दी।
पीडि़ता कक्षा नौवीं की छात्रा है। इधर, शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की और इस सिलसिले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, रविवार शाम पीडि़ता अपने रिश्तेदार के घर गई थी। घर लौटते समय, उस पर और उसके पुरुष मित्र पर आरोपितों ने हमला किया। इसके बाद आरोपितों ने लड़की के साथ शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया। इधर, राज्य में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के साथ एक के बाद एक दुष्कर्म की घटनाओं से महिला सुरक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले हाल में नदिया के हांसखाली में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता के घर बर्थडे पार्टी में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और उसके परिणामस्वरूप हुई मौत का मामला सामने आने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है। इस मामले में मुख्य आरोपित सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता का बेटा ही है। आरोप है कि नाबालिग लड़की से चार अप्रैल को कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था। अगले दिन लड़की की मौत हो गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह इस घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराने का आदेश दिया था।