West Bengal: निकाय चुनाव में करारी हार के बाद अब बंगाल भाजपा ने बुलाया चिंतन शिविर
West Bengal बंगाल भाजपा ने निकाय चुनाव में हार की समीक्षा व पार्टी में फिर से जान फूंकने पर मंथन के लिए शनिवार को चिंतन शिविर बुलाया है। इसमें प्रदेश व जिला स्तर के सभी वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में 108 नगर पालिकाओं के लिए हुए चुनाव में करारी हार के बाद अब राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा की चिंताएं और बढ़ गई है। इसी क्रम में प्रदेश भाजपा ने निकाय चुनाव में हार की समीक्षा व पार्टी में फिर से जान फूंकने पर मंथन के लिए शनिवार को चिंतन शिविर बुलाया है। इसमें प्रदेश व जिला स्तर के सभी वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नगर निगमों के बाद नगरपालिकाओं (नपा) के चुनाव में भी जबर्दस्त जीत दर्ज की है और 108 नपा में से 102 पर अपना झंडा गाड़ा है। इनमें से 31 नपा में तो भाजपा खाता तक नहीं खोल पाई है। कांग्रेस का भी यही हाल रहा। वहीं, वाममोर्चा एकमात्र ताहेरपुर नगरपालिका में जीत दर्ज कर पाया जबकि नवगठित हाम्रो पार्टी ने सबको चौंकाते हुए पहली बार में ही दार्जिलिंग नपा फतह कर लिया।
ये नेता अपना गढ़ नहीं बचा सके
इधर, निकाय चुनाव में भाजपा के यहां जनाधार वाले नेता माने जाने वाले प्रदेश अध्यक्ष डा सुकांत मजूमदार, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी व बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह भी अपना गढ़ नहीं बचा सके। इनके इलाके में तृणमूल ने जबर्दस्त सेंधमारी करते हुए परचम लहराया है। हालांकि भाजपा निकाय चुनाव में बड़े पैमाने पर ¨हसा व धांधली का लगातार आरोप लगा रही है लेकिन इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि चुनाव नतीजे के बाद पार्टी की राज्य में सांगठनिक कमजोर फिर खुलकर सामने आ गई है। राजनीति जानकारों की मानें तो पूरे चुनाव में भाजपा उस तरह से इसका प्रतिरोध ही नहीं कर पाई। ऐसे में अब पार्टी को इस दिशा में फिर से कमर कसकर आगे के लिए रणनीति बनानी होगी।
निकाय चुनाव में हार पर बोले दिलीप घोष- वामपंथियों को दूसरे नंबर पर लाने का प्रयास किया गया
दूसरी ओर, निकाय चुनाव में पार्टी की करारी हार पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि वामपंथियों को जानबूझकर दूसरे नंबर पर लाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि तृणमूल इसमें सफल नहीं होगी और पार्टी हिंसा और अराजकता के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।