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    अधीर चौधरी ने मेट्रो डेयरी के शेयरों के हस्तांतरण को लेकर हाई कोर्ट में दायर की जनहित याचिका

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Sat, 25 Sep 2021 11:28 AM (IST)

    अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने मेट्रो डेयरी के शेयरों (Metro Dairy Share) के हस्तांतरण को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में एक जनहित याचिका दायर की है। अधीर ने मेट्रो डेयरी के शेयरों के हस्तांतरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

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    अधीर चौधरी ने मेट्रो डेयरी के शेयरों के हस्तांतरण को लेकर दायर की जनहित याचिका

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अधीर रंजन चौधरी ने मेट्रो डेयरी के शेयरों के हस्तांतरण को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने इस मामले पर व्यापक सुनवाई की। अदालत के सूत्रों के मुताबिक अधीर ने मेट्रो डेयरी के शेयरों के हस्तांतरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। ईडी मेट्रो डेयरी में शेयर घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।

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    अधीर रंजन चौधरी ने राज्य सरकार के 47 फीसद शेयर वाली मेट्रो डेयरी को निजी कंपनी के हाथों बेचे जाने के मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है। चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पानी के भाव इसे बेचा है, इससे राज्य को करीब 447 करोड़ का चूना लगा है। चौधरी ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने अगस्त 2017 को मेट्रो डेयरी के 47 फीसद शेयर बेचने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार ने इसे कोलकाता की एक निजी कंपनी के हाथों 84.50 करोड़ रुपये में बेचा है, जिसके पास पहले से ही मेट्रो डेयरी का 53 फीसद शेयर है। मेट्रो डेयरी का 100 फीसद मालिकाना उक्त कंपनी का हो गया।

    अधीर ने कहा कि हैरत इस बात की है कि राज्य सरकार ने बिना किसी आक्सन या निविदा के इसे बेचा है। कोलकाता की उक्त कंपनी ने मेट्रो डेयरी के 15 फीसद शेयर सिंगापुर की एक कंपनी को 170 करोड़ रुपये में बेच दिए हैं। अधीर ने कहा कि 1990 में स्थापित मेट्रो डेयरी राज्य सरकार की लाभजनक संस्था थी। उन्होंने राज्य सरकार के नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मेट्रो डेयरी का 15 फीसद शेयर 170 करोड़ में बेचा गया, तब राज्य सरकार ने किस आधार पर 47 फीसद शेयर 84.50 करोड़ रुपये में बेचे हैं। यह एक रहस्य है। इस पर से पर्दा उठना चाहिए।

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