Abhijit Sarkar Murder Case : 'अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो...', बंगाल की निचली अदालत ने तीन पुलिस कर्मियों को जेल हिरासत में भेजा
कोलकाता की एक अदालत ने 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में तीन पुलिस कर्मियों को जेल हिरासत में भेजा है। अदालत ने सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी शुभजीत सेन उपनिरीक्षक रत्ना सरकार और होमगार्ड दीपांकर देबनाथ की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो समाज का क्या होगा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता की एक निचली अदालत ने शुक्रवार को वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हुई हत्या के मामले में एक सेवानिवृत्त समेत तीन पुलिस कर्मियों को जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।
अदालत ने मामले में कोलकाता पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी व नारकेलडांगा थाने के तत्कालीन प्रभारी शुभजीत सेन, तत्कालीन उपनिरीक्षक रत्ना सरकार, होमगार्ड दीपांकर देबनाथ तथा इस अपराध में सहायता करने वाली सुजाता देब की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो समाज का क्या होगा: कोर्ट
अदालत ने इन्हें 31 जुलाई तक जेल हिरासत में भेजने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो समाज का क्या होगा। मालूम हो कि दो मई, 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हुई व्यापक हिंसा में कोलकाता में अभिजीत सरकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
सीबीआइ ने दो जुलाई को घटना के संबंध में अपना दूसरा अतिरिक्त आरोपपत्र दाखिल किया था। इसमें 18 आरोपितों की सूची में कोलकाता के बेलेघाटा के तृणमूल विधायक परेश पाल, कोलकाता नगर निगम के पार्षद स्वपन समाद्दार और पापिया घोष के नाम शामिल हैं।
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