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    दो साल बाद फिर से शुरू हुआ ऐतिहासिक मनसा पूजा मेला

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 17 Aug 2022 06:00 PM (IST)

    जागरण संवाददाता जलपाईगुड़ी दो वर्षो बाद जलपाईगुड़ी बैकुंठपुर राजबाड़ी का मनसा मेला फिर

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    दो साल बाद फिर से शुरू हुआ ऐतिहासिक मनसा पूजा मेला

    जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: दो वर्षो बाद जलपाईगुड़ी बैकुंठपुर राजबाड़ी का मनसा मेला फिर एक बार शुरू हुआ है। जलपाईगुड़ी राजबाड़ी का मनसा मेला पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण बंद था। पिछले साल कोरोना नियमों के अनुसार मनसा पूजा हुई थी लेकिन मेला बंद था। इस बार फिर पुलिस सुरक्षा के बीच जलपाईगुड़ी बैकुंठपुर राजबाड़ी में मनसा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह मनसा पूजा 513 साल पुराना है। यहां दूर दराज इलाकों से काफी श्रद्धालुओं का समागम होता है। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण पारंपरिक जलपाईगुड़ी राजबाड़ी मनसा पूजा मेला बंद कर दिया गया था। इस बार प्राचीन जलपाईगुड़ी राजबाड़ी की ऐतिहासिक मनसा पूजा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आए हैं।

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    राजपरिवार के पुजारी शिबू घोषाल ने कहा कि जलपाईगुड़ी बैकुंठपुर राजबाड़ी मनसा पूजा 1509 में शुरू हुई थी। पूजा की पुरानी परंपरा के अनुसार हर साल पूजा का आयोजन किया जाता है।जलपाईगुड़ी राजबाड़ी की यह मनसा पूजा विभिन्न क्षेत्रों में मनसा पूजा में से एक है। यहां एक एक स्थायी मंडप में मनसा देवी की एक मूर्ति की पूजा की जाती है।मनसा देवी के साथ, मां पद्मा, जरत करुमनी, बेहुला-लक्षिदर, गदा और गदानी की मूर्तियां मौजूद हैं। मेले में आई सुतपा रॉय ने कहा, मैं दो साल बाद राजबाड़ी के मनसा पूजा मेले में आई हूं, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. इस पूजा के अवसर पर आज छुट्टी है। बहुत खुश हैं। जलपाईगुड़ी बैकुंठपुर राजबाड़ी के सदस्य प्रणत बसु ने कहा कि यह पूजा प्राचीन काल से होती आ रही है। पुजारी शिबू घोषाल पीढि़यों से पूजा करते आ रहे हैं। इस मनसा मेले के आधार पर कई लोग आते हैं। मेले में दुकानों से कमाने वालों का उपयोग दुर्गा पूजा के लिए किया जाता है। कोरोना के कारण मेला दो साल से बंद था।