पूजा से पहले भूटान गेट के खुलने की संभावना
- अल्पसंख्यक विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री जान बारला ने भूटान के राजदूत के साथ की बैठक स

- अल्पसंख्यक विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री जान बारला ने भूटान के राजदूत के साथ की बैठक
संवाद सूत्र, बानरहाट: कोरोना के कारण करीब ढ़ाई वर्षो से बंद पड़े भूटान के पूजा से पहले खुलने की संभावना जताई गई है। अल्पसंख्यक केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने कुछ ऐसा ही संकेत दिया है। कोरोना में बंद हुई भूटानी गेट पूजा को पूजा से पहले फिर से खोला जा सकता है। उन्होंने भूटान गेट खोलने पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को भूटान स्थित दूतावास में भूटानी राजदूत के साथ बैठक की। काफी दिनों से गेट बंद होने के कारण भूटानी सीमा पर व्यवसायियों और स्थानीय लोगों का धैर्य टूट रहा है। आज की बैठक को लेकर अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला ने फोन पर कहा कि भूटान सीमा स्थित बाजार खोलने पर चर्चा के लिए गुरुवार को भूटानी राजदूत के साथ बैठक की थी। अगर सबकुछ ठिक रहा तो पूजा से पहले भूटान गेट खुल जाएगी। इसके बाद व्यवसाय, बाजार सबकुछ सामान्य हो जाएगी।
लोगों की माने तो कोरोना के कारण भूटान गेट को बंद कर दिया गया था। बाद में जब कोरोना की स्थिति कुछ सामान्य हुई तो भूटान से मालवाहक वाहन यानी रेत-पत्थर का व्यापार चलने लगा। हालाकि अब सब कुछ खुला है, लेकिन भूटान में अभी भी मालवाहक वाहनों को छोड़कर पर्यटकों सहित आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध है। फलस्वरूप बाजार में लोगों की आवाजाही न होने से एक के बाद एक दुकान धीरे-धीरे बंद हो गई। कारोबार बंद होने के कारण कई व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद कर काम के लिए जगह बदल ली है। अब भूटान सीमा बाजार में एकमात्र मालवाहक वाहनों की कतार लगी रहती है। इसलिये सभी चाहते हैं कि जल्द से जल्द भूटान गेट खुल जाए। उत्तर बंगाल के दो केंद्रीय मंत्री भी भूटान गेट खोलने की पहल क्यों नहीं कर रहे हैं? भूटानी सीमा पर लोगों ने माग की कि दोनों देश संयुक्त रूप से सीमा के लोगों पर विचार करें और कोरोना के माहौल पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा दें। दोनों देशों के बीच पहले की तरह यात्रा फिर से शुरू की जाए। अब सीमा क्षेत्र के लोग और व्यापारी भूटान गेट के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
चामुर्ची भूटान सीमा के एक व्यवसायी दिलबर अंसारी ने कहा कि कोरोना महामारी शुरू हुए ढाई साल से अधिक समय हो गया है, सभी दुकानें बंद हैं। क्योंकि भूटानी सरकार अब अपने निवासियों को भारत नहीं आने दे रही है। भारतीय भी भूटान नहीं जा सकते। इसलिए दुकान की कक्षाएं पूरी तरह बंद हैं। यहा तक कि दुकान में रखे सामान भी खराब हो गए हैं। स्थानीय व्यवसायी मंटू कुमार गोयल ने शिकायत की कि लंबे समय से भूटान गेट बंद रहने के कारण युवाओं को काम के लिए बाहर जाना पड़ा। इसलिए यदि उच्च स्तरीय प्रशासनिक बैठक कर पूजा से पहले गेट खोलने के लिए कदम उठाए गए तो क्षेत्र के लोगों की जान बच जाएगी। इसकी शिकायत करते हुए नदीम खान ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच जब बालू-पत्थर का ट्रक यातायात कर सकता है तो आम लोगों को काम या व्यवसाय के कारण भूटान गेट से यात्रा करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।
चामुर्ची निवासी तथा तराई-डुवार्स सिलीगुड़ी डेवलपमेंट एंड कल्चरल बोर्ड (गोरखा कम्युनिटी) के वाइस चेयरमैन संदीप छेत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमा का उद्घाटन संभव था। लेकिन पिछले ढाई साल में भूटान गेट बंद होने के कारण सबकुछ चौपट हो चुका है। दोनों देश एक-दूसरे के व्यवसाय पर निर्भर हैं।
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