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    पेज चार दुर्गापुर की लीड : अब स्कूल रोड सेफ्टी कमेटी की निगरानी में होगा बच्चों का सफर

    By SATYENDRA KUMAR SHAHEdited By: Jagran News Network
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 03:58 AM (IST)

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    पेज चार दुर्गापुर की लीड : अब स्कूल रोड सेफ्टी कमेटी की निगरानी में होगा बच्चों का सफर

    जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : उलूबेड़िया में हुई पुलकार दुर्घटना से सबक लेते हुए आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट ने अब बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा केवल पुलिस पर नहीं, बल्कि सामूहिक भागीदारी पर तय करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए अब हर स्कूल में स्कूल रोड सेफ्टी कमेटी का गठन अनिवार्य होगा। यह कमेटी न केवल वाहनों की स्थिति पर नजर रखेगी, बल्कि चालकों की लापरवाही पर सीधे कार्रवाई की सिफारिश भी करेगी। मंगलवार को दुर्गापुर के हेमशीला माडल स्कूल में आयोजित बैठक में डीसी ट्रैफिक पी वीजी सतीश पासुमार्थी ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी तक सभी वाहन मालिक अपने दस्तावेज दुरुस्त कर लें, इसके बाद नियमों की अनदेखी करनेवाले वाहनों को सीधे जब्त (सीज) किया जाएगा। डीसी ट्रैफिक ने बैठक में स्कूल रोड सेफ्टी कमेटी के गठन को सुरक्षा की दिशा में सबसे अहम कदम बताया। इस कमेटी में स्कूल के प्रिंसिपल, स्कूल ट्रांसपोर्ट मैनेजर, अभिभावकों के प्रतिनिधि, छात्रों के प्रतिनिधि और पुलकार और बस मालिकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह कमेटी सुनिश्चित करेगी कि सरकार द्वारा जारी ट्रैफिक एडवाइजरी का जमीनी स्तर पर पालन हो रहा है या नहीं। यदि कोई चालक लापरवाही करता है, तो यह कमेटी सीधे सब-डिविजनल या डिस्ट्रिक्ट रोड सेफ्टी कमेटी को रिपोर्ट करेगी। पुलिस ने अभिभावकों से विशेष अपील करते हुए टोटो (ई-रिक्शा) को स्कूली परिवहन के लिए पूरी तरह असुरक्षित करार दिया है। डीसी ट्रैफिक ने कहा कि मुख्य सड़कों पर टोटो का चलना खतरे से खाली नहीं है। इनमें अक्सर ओवरलोडिंग होती है और इनके पलटने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए बच्चों को टोटो से स्कूल नहीं भेजें। ट्रैफिक पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि जो वाहन निजी नंबर प्लेट (प्राइवेट) पर कमर्शियल परमिट के बिना धड़ल्ले से स्कूली बच्चों को ढो रहे हैं, उन्हें परिवहन विभाग शो-काज नोटिस भेज रहा है। वाहन मालिकों को सीट बेल्ट, स्पीड लिमिटर लगवाने और कागज दुरुस्त करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। 31 जनवरी के बाद कोई रियायत नहीं दी जाएगी। बैठक में मौजूद अभिभाविका मैमिता चक्रवर्ती ने पुलिस की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि अक्सर पुलकार के ड्राइवर बदल जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता। कमेटी बनने से अब ड्राइवरों पर निगरानी रहेगी और डर का माहौल खत्म होगा। यह हमारे बच्चों के लिए बेहद जरूरी कदम है। इस बैठक में एसीपी ट्रैफिक (तीन) राजकुमार मालाकार सहित मुचिपाड़ा और दुर्गापुर ट्रैफिक गार्ड के कई वरिष्ठ अधिकारी, स्कूल प्रबंधन और बच्चों के अभिभावक मौजूद थे। पुलिस ने बताया कि यह अभियान कमिश्नरेट क्षेत्र के सभी स्कूलों में चलाया जाएगा।

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