वट-सावित्री व्रत आज, सिलीगुड़ी में महिलाओं ने पूजन कर की सुहाग दीर्घायु की कामना
यमराज के सामने खड़े होने का साहस करने वाली सावित्री की पौराणिक कथा भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। ये कथा भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्र ...और पढ़ें

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। सुहागिनों के द्वारा आज सोमवार (30 मई) को वट-सावित्री पूजन किया गया। इस अवसर का लेकर सुहागिनों ने वट-वृक्ष के निकट बैठ वट-सावित्री पूजन की कथा को सुन सुहाग दीर्घायु की कामना की। सुहाग की वस्तुओं का दान किया गया। साथ ही महिलाओं ने वट वृक्ष के पत्तों से बने गहने पहने । कई नवविवाहिताओं ने भी पूजा की। उनका कहना था कि यह पहला अनुभव है जब पति की सलामती के लिए व्रत रख रही हैं। बहुत ही खुशी का क्षण है। महिलाओं के द्वारा उपवास भी रखा गया।
इस बारे में पंडित उमाशंकर पांडेय का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति दीर्घायु होता है। दिन में महिलाएं वट वृक्ष के पत्तों से बने गहने पहन वट सावित्री कथा को सुनती है। नेहरू रोड स्थित हनुमान मंदिर, कंबलपट्टी स्थित हनुमान मंदिर, प्रकाशनगर स्थित हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की गई।
इस अवसर पर सुहागिनों का उत्साह देखने लायक था। सुबह से ही वे पूजा की तैयारी में व्यस्त नजर आ रही थीं। महिलाओं ने एक से एक बढ़कर सुंदर वस्त्र पहने थे। उल्लेखनीय है कि पति के प्राण यमराज से वापस लेने वाली देवी सावित्री भारतीय संस्कृति में संकल्प और साहस का प्रतीक हैं। यमराज के सामने खड़े होने का साहस करने वाली सावित्री की पौराणिक कथा भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। ये कथा भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत रही है। आज भी महिलाएं इस कथा को बहुत आस्था के साथ सुनती हैं। अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। व्रत का पालन बहुत श्रद्धा के साथ करती हैं।

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