असम में नेताओं को रोकने पर, आज व कल राज्यभर में काला दिवस मनाएगी तृणमूल
तृणमूल कांग्रेस के पार्थ चटर्जी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 4 व 5 अगस्त को पूरे प बंगाल में हर जिले व ब्लॉक में तृणमूल की ओर से काला दिवस मनाया जाएगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जारी होने के बाद हालात का जायजा लेने के लिए असम के दौरे पर गए तृणमूल सांसदों, मंत्री व नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को सिलचर एयरपोर्ट पर रोके जाने व उनसे कथित दुर्व्यवहार के विरोध में पार्टी राज्यव्यापी काला दिवस मनाएगी।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 4 व 5 अगस्त (शनिवार व रविवार) को पूरे पश्चिम बंगाल में हर जिले व ब्लॉक में तृणमूल की ओर से काला दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि तृणमूल नेता व कार्यकर्ता काला बैज लगाकर नारा लगाएंगे कि 'दानविक सरकार और नहीं दरकार'।
पार्थ ने कहा, जिस तरीके से सिलचर एयरपोर्ट पर असम पुलिस ने जनप्रतिनिधियों को रोककर दुर्व्यवहार किया हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। सांसद होने के नाते उन्हें हर जगह जाने का अधिकार है, लेकिन सभी नियमों का उल्लंघन किया गया और हमारी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को रोका गया, यह शर्मनाक है। हम तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं से काला दिवस को सफल बनाने का आह्वान भी किया।
उल्लेखनीय है कि तृणमूल के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को असम के सिलचर एयरपोर्ट पर उस समय रोका गया जब वे एनआरसी के अंतिम मसौदे जारी होने के बाद जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए गुरुवार को असम के काछार जिले में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। तृणमूल सांसदों पर एयरपोर्ट पर तैनात महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करने का भी आरोप है।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जारी होने के बाद हालात का जायजा लेने गुरुवार को असम गए तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधमंडल सिलचर एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना के 17 घंटे बाद शुक्रवार सुबह कोलकाता लौट आया। बेलवांड पर हस्ताक्षर करने के बाद तृणमूल नेता सुबह 7.55 की फ्लाइट से कोलकाता पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल में छह सांसद, एक विधायक और राज्य के एक मंत्री शामिल थे। असम के कछार जिले के उपायुक्त एस लक्ष्मणन ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल तृणमूल के छह नेता सुबह की फ्लाइट से वापस कोलकाता चले गए जबकि दो अन्य सांसद ममताबाला ठाकुर और अर्पिता घोष अन्य फ्लाइट से दिल्ली गए। गुरुवार दोपहर में सिलचर एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद प्रतिनिधिमंडल को पूरी रात एयरपोर्ट के ही विश्रामगृह में बिताना पड़ा।
कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर वे लोग वहां के लोगों का दुख बांटने के लिए गए थे। परंतु, भाजपा सरकार के निर्देश पर उन लोगों को रोक दिया गया और किसी नहीं मिलने दिया गया। तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि उनके साथ घुसपैठिये जैसा बर्ताव किया गया और वापस भेज दिया गया। हमलोग डरने वाले नहीं है वहां के लोगों के लिए लड़ाई जारी रहेगी।
तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने पत्रकारों से कहा कि घुसैपठिये की तरह हमलोगों के साथ सलूक हुआ और हमें वापस भेज दिया गया। हमारे साथ बदसलूकी की गई, महिला सांसदों को भी नहीं बख्शा गया।
उन्होंने सवाल किय कि छह सांसद, एक मंत्री और एक विधायक किसी राज्य में कैसे अशांति पैदा कर सकते हैं। इससे पहले सिलचर से रवाना होने के वक्त उन्होंने कहा कि हम वापस जा रहे हैं। पुलिस ने हमें बाहर जाने की इजाजत नहीं दी। हमने कई बार उनसे आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। हमने हवाई अड्डे पर तीन कमरों में रात बिताई।
देश में अघोषित आपातकाल : काकोली घोष दस्तीदार
वहीं प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने आरोप लगाया कि जिस तरह सांसदों और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम को परेशान किया गया यह दिखाता है कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा, हमें आश्चर्य है कि क्या देश में कानून का शासन है। ऐसा लगता है कि अघोषित आपातकाल लागू है।
क्या है मामला :
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल कल जैसे ही सिलचर एयरपोर्ट पर पहुंचा अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया और ऐहतियातन हिरासत में ले लिया। कछार जिले में धारा 144 लागू होने की बात कह उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई। प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदू शेखर राय व काकोली घोष दस्तीदार के अलावा सांसद रत्ना दे नाग, नदीमुल हक, अर्पिता घोष के साथ शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम एवं विधायक महुआ मोइत्रा शामिल थीं।
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