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    परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने हड़ताल कर रहे सरकारी बस कर्मियों से की अपील, कहा-बातचीत के रास्‍ते खुले हैं

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    Updated: Tue, 27 Sep 2022 02:09 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती राजधानी कोलकाता से सोमवार को सिलीगुड़ी होते हुए दार्जिलिंग पहुंचे। बागडोगरा एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की । दक्षिण बंगाल में सरकारी बसों की हड़ताल के संबंध में पूछे जाने पर यह कहा।

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    पश्चिम बंगाल राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्त्‍ती। फोटो स्रोत: सोशल मीडिया।

    सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती राजधानी कोलकाता से सोमवार को सिलीगुड़ी होते हुए दार्जिलिंग पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सिलीगुड़ी स्थित बागडोगरा एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की । दक्षिण बंगाल में सरकारी बसों की हड़ताल के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दक्षिण बंगाल राजकीय परिवहन निगम की बसों से संबद्ध कुछ कंडक्टर विभिन्न जगहों के डिपो को अवरुद्ध कर सरकारी बसों की आवाजाही को बंद किए हुए हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। एक परिवहन कर्मी के नाते उनका कर्तव्य लोगों के लिए वाहनों की आवाजाही को अचल करना नहीं बल्कि सचल रखना है। मेरी उनसे अपील है कि वे इस तरह के प्रदर्शन वापस लें। शासन-प्रशासन के दरवाजे खुले हैं। हमने पांच-सात दिन इंतजार किया। वे नहीं आए। वे आएं। बातचीत से मसले हल हो जाएंगे।

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    मंत्री ने यह भी कहा कि, जो कंडक्टर लोग आंदोलन कर रहे हैं, वे लोग कुछ वर्षो पहले ही एजेंसी के माध्यम से राज्य परिवहन निगम की बसों में बतौर कंडक्टर  नियुक्त हुए हैं। उनका नो वर्क नो पे का कांट्रैक्ट है। अपने अनुबंधों की शर्तो से वे मुकर नहीं सकते। परिवहन को ठप कर देना पूरी तरह अनुचित है। वे आएं और बातचीत करें। उससे समाधान हो सकता है। उनके अनुबंध की जो-जो शर्ते होंगी उस अनुरूप हरसंभव समाधान किया जाएगा। महीने में 26 दिन काम और छुट्टी की जो उनकी मांगें है, उसे हम सुनिश्चित करेंगे। आखिर उनका भी तो परिवार है। इस मांग पर हम सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे। दुर्गोत्सव के बाद बैठक करेंगे। कानून व अनुबंध के दायरे में जो भी संभव होगा, मेरी क्षमता में जो होगा मैं करूंगा। उन्हें आवश्यक सुविधाएं दी जाएंगी। मंत्री ने यह भी कहा कि, किसी भी चीज की एक सीमा होनी चाहिए। परिवहन को इस तरह ठप कर दिया जाना अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    मुझे उम्मीद है कि वे लोग अपना यह आंदोलन वापस लेंगे। डिपो को अवरुद्ध करना बंद कर देंगे। सोमवार तक ऐसा नहीं होता है तो फिर सरकार सख्त फैसले लेने को बाध्य हो सकती है। वह सख्त फैसला क्या होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, सरकार उस एजेंसी के कांट्रैक्ट को ही रद कर देगी जिनके माध्यम से ये नियुक्त हैं। शो-कॉज किया जाएगा। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए परिवहन मंत्री दार्जिलिंग आए हैं।