सिलीगुड़ी में सम्मेलन में जुटे आप्टोमेट्रिस्ट, राज्य में इनके पद सृजित करने की मांग
रीजनल आप्टोमेट्रिस्ट एंड आप्थेलमिक सोसाइटी (आरओओएस) ने सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) पर आधारित अपने द्वि-वार्षिक दो दिवसीय सम्मेलन में राज्य भर में स्वास्थ्य सुविधाओं में आप्टोमेट्रिस्ट के कमी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आप्टोमेट्रिस्ट की और अधिक पद सृजित करने की मांग की है।

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। रीजनल आप्टोमेट्रिस्ट एंड आप्थेलमिक सोसाइटी (आरओओएस) ने सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) पर आधारित अपने द्वि-वार्षिक दो दिवसीय सम्मेलन में राज्य भर में स्वास्थ्य सुविधाओं में आप्टोमेट्रिस्ट के कमी पर चिंता व्यक्त की है। नेत्र रोग की समस्या लेकर सरकार अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में आने वाले मरीजों को उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके, इसके लिए आप्टोमेट्रिस्ट की और अधिक पद सृजित करने की मांग की है।
बीते रविवार को सम्मेलन के अंतिम दिन रीजनल आप्टोमेट्रिस्ट एंड आप्थेलमिक सोसाइटी के निवर्तमान अध्यक्ष सुबोध कुमार नाइक ने कहा कि 503 स्वीकृत पद हैं जिनमें 226 रिक्त हैं। हम लंबे समय से अधिक पद सृजित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि आप्टोमेट्रिस्ट को ड्यूटी के दौरान बड़ा दबाव झेलना पड़ता है। इन पदों पर पिछले 18 साल से कोई भर्ती नहीं हुई है। मानवशक्ति की कमी से मरीजों की मिलनी वाली सेवाएं प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा जो सरकारी अस्पतालों में जो स्थिति इसे देखते हुए कम से कम 2000 और पद सृजित किए जाने चाहिए।
आरओओएस के निवर्तमान सचिव हजरत अली शेख ने कहा कि आंखों की प्राथमिक जांच, अपवर्तक त्रुटियों, मुख्य रूप से प्रेसबायोपिया, कम दृष्टि सहायता और दृष्टि चिकित्सा और ग्लूकोमा और मधुमेह रेटिनोपैथी की जांच में सहायक की जिम्मेदारी निभाने जैसे कई क्षेत्रों में आप्टोमेट्रिस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल में चोखेर आलो, सेफ ड्राइव सेव लाइफ में आप्टोमेट्रिस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेफ ड्राइव सेव लाइफ के तहत भारी वाहनों के चालकों की दृष्टि की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरओओएस के निवर्तमान अध्यक्ष नाइक ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ रही है, लेकिन दुर्भाग्य से आप्टोमेट्रिस्ट के लिए नए पद नहीं बनाए गए हैं। राज्य के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र आप्टोमेट्रिस्ट की कमी को पूरा करने की एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। 40 आप्टोमेट्रिस्ट अनुबंध के आधार पर बहुत कम पारिश्रमिक के साथ काम कर रहे हैं। हम उन्हें नियमित करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में नेत्र शिविर आयोजित करने, मोतियाबिंद का पता लगाने और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आप्टोमेट्रिस्ट को सरकार द्वारा नेत्र अधिकारियों के रूप में मान्यता दी गई है।
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