भूटान में मौसम की पहली बर्फबारी शुरू, आप भी जा सकते हैं इस प्रदूषणमुक्त देश में
यदि आप सस्ते में विदेश घूमने के साथ ही बर्फबारी का लुत्फ लेना चाहते हैं तो भूटान से अच्छा कोई देश हो ही नहीं सकता। पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त इस देश में बर्फबारी शुरू हो गई है।
सिलीगुड़ी [जागरण स्पेशल]। यदि आप सस्ते में विदेश घूमने के साथ ही बर्फबारी का लुत्फ लेना चाहते हैं तो भूटान से अच्छा कोई देश हो ही नहीं सकता। पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त इस देश में बर्फबारी शुरू हो गई है। थिंपू और आसपास के इलाकों में बर्फ की सफेद चादर बिछी देख सैलानी गदगद हो रहे हैं। तो देर किस बात की। आइए सिलीगुड़ी और यहां से चार-पांच घंटे में ही पहुंच जाएं साफ-सुथरे देश भूटान में।
यह इकलौती जगह है जहां धरती पर आपको सबसे शुद्ध हवा मिलेगी। इसकी वजह यह है कि हिमालय की पूर्वी पर्वत शृंखला में बसा यह देष दुनिया का पहला और एकमात्र कार्बन नेगेटिव देश है। बौद्ध धर्म भूटान के लोगों के जीवन जीने का तरीका है और यह देश जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट की जगह डीएनएच ग्रॉस नैशनल हैपीनेस पर जोर देता है। इस देश में पैसों से ज्यादा खुशियों को अहमियत दी जाती है।
भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं
हिमालय की प्राकृतिक खूबसूरती, शांति और सुकून देने वाली बुद्धिस्ट मोनैस्ट्रीज और हमेशा खुश रहने वाले लोग...।यह सब भूटान की खासियत जिस वजह से टूरिस्ट भूटान घूमना पसंद करते हैं। भूटान घूमने आने वाले पश्चिमी देश के लोगों को 250 डॉलर प्रति दिन के हिसाब से टूरिस्ट टैक्स देना पड़ता है। हालांकि भारत के लोग लकी हैं, जिन्हें भूटान जाने के लिए ना ही वीजा की जरूरत है ना ही उन्हें किसी तरह का अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है।
इन कागजात को रखें साथ
भारत के नागरिकों को भूटान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती, इसलिए पासपोर्ट साथ रखना जरूरी नहीं है। अपना वोटर आइडी कार्ड और आधार कार्ड भी साथ रखने से काम चल जाएगा। भूटान का बॉर्डर पार करते वक्त एक एंट्री परमिट दिया जाता है। बावजूद इसके चूंकि आप दूसरे देश में यात्रा कर रहे हैं, लिहाजा सुरक्षा के लिहाज से अपने सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स और आइडेंटिटी प्रूफ और उनकी फोटो कॉपीज को साथ में रखें।
कैसे पहुंचें भूटान
भूटान जाने का सिर्फ दो रास्ता है, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग।
हवाई मार्ग
भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पारो में है, जो भूटान की राजधानी थिंपू से 50 किलोमीटर दूर है और पारो से थिंपू पहुंचने में आपको डेढ़ घंटे का वक्त लग सकता है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और बागडोगरा से सीधी फ्लाइट्स पारो के लिए जाती हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है। लिहाजा फ्लाइट शेड्यूल और फ्लाइट की उपलब्धता देखकर ही अपनी जाने और आने की ट्रिप प्लान करें।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग के जरिए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से भूटान के बॉर्डर फुएंतशोलिंग पहुंचने में चार से पांच घंटे का वक्त लगता है। भूटान के बॉर्डर से राजधानी थिंपू पहुंचने में पांच-छह घंटे का वक्त और लगता है और यह पूरा रास्ता पहाड़ों वाला है और बेहद खूबसूरत है। आप चाहें तो भूटान जाकर घूमने के लिए वहां के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर किराए पर टैक्सी भी ले सकते हैं। हालांकि आप अपनी कार से भी भूटान जा सकते हैं, जिसके लिए आपको भूटान के बॉर्डर पर परमिट लेने की जरूरत होगी। हां आगामी पहली जनवरी से कुछ नियम बदलने वाले हैं। यदि आप नए वर्ष में भूटान जाना चाहते हैं तो नए नियमों की जानकारी कर लें।
करेंसी
वैसे तो भूटान की लोकल करंसी गलट्रम है, जो भारतीय रुपये के बराबर ही है और भारत का रुपया भी भूटान में आसानी से चल जाता है। लिहाजा भूटान जाने से पहले आपको अपनी करेंसी बदलवाने की जरूरत नहीं है। भूटान में कम ही जगहों पर कार्ड एक्सेप्ट किया जाता है, लिहाजा अपने साथ कैश लेकर जरूर चलें।
कपड़े और जूते
भूटान में तो गर्मी में भी ऊनी कपड़ों की जरूरत होती है, इस समय तो बर्फबारी हो रही है, लिहाजा पर्याप्त गर्म कपड़ों को साथ में रखना न भूलें। भूटान में ट्रैवल करते वक्त आपको पहाड़ों पर, मोनैस्ट्रीज में और कई दूसरी जगहों पर काफी चलना पड़ता है। ऐसे में कंफर्टेबल जूते पहनें जिनसे पैरों को तकलीफ न हो।

यह इकलौती जगह है जहां धरती पर आपको सबसे शुद्ध हवा मिलेगी। इसकी वजह यह है कि हिमालय की पूर्वी पर्वत शृंखला में बसा यह देष दुनिया का पहला और एकमात्र कार्बन नेगेटिव देश है। बौद्ध धर्म भूटान के लोगों के जीवन जीने का तरीका है और यह देश जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट की जगह डीएनएच ग्रॉस नैशनल हैपीनेस पर जोर देता है। इस देश में पैसों से ज्यादा खुशियों को अहमियत दी जाती है।
भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं
हिमालय की प्राकृतिक खूबसूरती, शांति और सुकून देने वाली बुद्धिस्ट मोनैस्ट्रीज और हमेशा खुश रहने वाले लोग...।यह सब भूटान की खासियत जिस वजह से टूरिस्ट भूटान घूमना पसंद करते हैं। भूटान घूमने आने वाले पश्चिमी देश के लोगों को 250 डॉलर प्रति दिन के हिसाब से टूरिस्ट टैक्स देना पड़ता है। हालांकि भारत के लोग लकी हैं, जिन्हें भूटान जाने के लिए ना ही वीजा की जरूरत है ना ही उन्हें किसी तरह का अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है।
इन कागजात को रखें साथ
भारत के नागरिकों को भूटान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती, इसलिए पासपोर्ट साथ रखना जरूरी नहीं है। अपना वोटर आइडी कार्ड और आधार कार्ड भी साथ रखने से काम चल जाएगा। भूटान का बॉर्डर पार करते वक्त एक एंट्री परमिट दिया जाता है। बावजूद इसके चूंकि आप दूसरे देश में यात्रा कर रहे हैं, लिहाजा सुरक्षा के लिहाज से अपने सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स और आइडेंटिटी प्रूफ और उनकी फोटो कॉपीज को साथ में रखें।

कैसे पहुंचें भूटान
भूटान जाने का सिर्फ दो रास्ता है, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग।
हवाई मार्ग
भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पारो में है, जो भूटान की राजधानी थिंपू से 50 किलोमीटर दूर है और पारो से थिंपू पहुंचने में आपको डेढ़ घंटे का वक्त लग सकता है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और बागडोगरा से सीधी फ्लाइट्स पारो के लिए जाती हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है। लिहाजा फ्लाइट शेड्यूल और फ्लाइट की उपलब्धता देखकर ही अपनी जाने और आने की ट्रिप प्लान करें।

सड़क मार्ग
सड़क मार्ग के जरिए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से भूटान के बॉर्डर फुएंतशोलिंग पहुंचने में चार से पांच घंटे का वक्त लगता है। भूटान के बॉर्डर से राजधानी थिंपू पहुंचने में पांच-छह घंटे का वक्त और लगता है और यह पूरा रास्ता पहाड़ों वाला है और बेहद खूबसूरत है। आप चाहें तो भूटान जाकर घूमने के लिए वहां के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर किराए पर टैक्सी भी ले सकते हैं। हालांकि आप अपनी कार से भी भूटान जा सकते हैं, जिसके लिए आपको भूटान के बॉर्डर पर परमिट लेने की जरूरत होगी। हां आगामी पहली जनवरी से कुछ नियम बदलने वाले हैं। यदि आप नए वर्ष में भूटान जाना चाहते हैं तो नए नियमों की जानकारी कर लें।
करेंसी
वैसे तो भूटान की लोकल करंसी गलट्रम है, जो भारतीय रुपये के बराबर ही है और भारत का रुपया भी भूटान में आसानी से चल जाता है। लिहाजा भूटान जाने से पहले आपको अपनी करेंसी बदलवाने की जरूरत नहीं है। भूटान में कम ही जगहों पर कार्ड एक्सेप्ट किया जाता है, लिहाजा अपने साथ कैश लेकर जरूर चलें।
कपड़े और जूते
भूटान में तो गर्मी में भी ऊनी कपड़ों की जरूरत होती है, इस समय तो बर्फबारी हो रही है, लिहाजा पर्याप्त गर्म कपड़ों को साथ में रखना न भूलें। भूटान में ट्रैवल करते वक्त आपको पहाड़ों पर, मोनैस्ट्रीज में और कई दूसरी जगहों पर काफी चलना पड़ता है। ऐसे में कंफर्टेबल जूते पहनें जिनसे पैरों को तकलीफ न हो।
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