निर्देश के बाद भी ज्वाइन करने नहीं पहुंची शिक्षिका
- लीविंग सर्टिफिकेट देने के लिए श्रीगुरु में होता रहा इंतजार -एकल पीठ के आदेश को चुनौती

- लीविंग सर्टिफिकेट देने के लिए श्रीगुरु में होता रहा इंतजार
-एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने के लिए कोलकाता रवाना जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एक वर्ष के अंदर एक शिक्षिका का तीन बार तबादला मामले ने तूल पकड़ लिया है। जलपाइगुड़ी सर्किट बेंच की एकल पीठ ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। वहीं शिक्षिका शाता मंडल को शुक्रवार तक बीरपाड़ा हाई स्कूल में जवाइन करने का निर्देश दिया है।
इस बीच,प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंगल बेंच के निर्देश को चुनौती देने शिक्षिका शाता मंडल ने कोलकाता हाई कोर्ट का रुख किया है। शिक्षक भर्ती घोटाले की बीच इस घटना को लेकर सिलीगुड़ी का राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया है।
जानकारी के मुताबिक शिक्षिका शांता मंडल सिलीगुड़ी के देशबंधुपाड़ा की निवासी है। वर्ष 2016 में कोलकाता के कुशमंडी से तबादला लेकर वह सिलीगुड़ी नगर निगम के 46 नंबर वार्ड के चंपासारी स्थित श्री गुरु विद्यामंदिर हाई स्कूल पहुंची और सहायक शिक्षिका के पद पर ज्वाइन कर लिया। बीते वर्ष प्रधान शिक्षक की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर शिक्षा विभाग ने उनका तबादला बीरपाड़ा हाई स्कूल कर दिया। वहा मात्र आठ महीने काम करने के बाद शिक्षिका का फिर से सिलीगुड़ी महकमा के माटीगाडा प्रखंड अंतर्गत चंपासारी ग्राम पंचायत के देबीडागा स्थित डा ओमियो पाल चौधरी हाई स्कूल में किया गया। आरोप है कि उन्होंने यहां डयूटी ज्वाइन नहीं की। कोलकाता से एक स्पेशल आर्डर लेकर फिर से श्री गुरु विद्यामंदिर हाई स्कूल में प्रधान शिक्षिका के तौर पर ज्वाइन करने पहुंची। वहा के शिक्षक प्रभारी प्रसून सुंदर तरफदार ने इसका विरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने एक शिक्षिका का एक ही वर्ष में तीन बार तबादला किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया। बीते गुरुवार को जलपाइगुड़ी सर्किट बेंच की एकल पीठ के जज सुजीत गागुली ने मामले की जाच सीबीआइ को सौंप दी। साथ ही शिक्षिका शाता मंडल को 6 अगस्त तक श्री गुरु विद्यामंदिर स्कूल से लीविंग सर्टिफिकेट लेकर बीरपाड़ा स्कूल में ज्वाइन करने का निर्देश दिया। जबकि शिक्षिका शुक्रवार को लीविंग सर्टिफिकेट लेने ना तो श्री गुरु विद्यामंदिर स्कूल पहुंची और ना ही ज्वाइन करने बीरपाड़ा। जानकारी के मुताबिक शिक्षिका ने सिंगल बेंच के निर्देश को चुनौती देने के लिए कोलकाता हाई कोर्ट का रुख किया। गुरुवार रात को ही कोलकाता के लिए रवाना हो गई। शिक्षिका की बड़ी बहन ने बताया कि वह गुरुवार की रात को ही कोलकाता के लिए रवाना हो गई थी। क्या कहना है पड़ोसियों का
दूसरी ओर पड़ोसियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिक्षिका शांता मंडल की और दो बहनें और एक भाई है। इनकी बड़ी बहन शीला और छोटी बहन सीमा निजी संस्था में कार्य करती हैं। वहीं भाई सिलीगुड़ी अदालत में वकील है। बचपन में ही इनकी मां का स्वर्गवास हो गया था। फिर पिता ने दूसरी शादी कर ली और अलग रहने लगे। हालांकि पढ़ाई-लिखाई के साथ देखभाल उन्होंने ही किया है। आरोप लगाया गया कि पड़ोसियों के साथ बहनों और भाई का स्वभाव सौहार्दपूर्ण नहीं है। छोटी-छोटी बात के लिए धौंस जमाना और अदालत में घसीटने की धमकी देना जैसे इनका स्वभाव ही हो गया है।
सत्य की विजय हमेशा से हुई है। मैने किसी एक शिक्षिका को निशाना नहीं बनाया बल्कि पूरे सिस्टम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सिलीगुड़ी में नामी-गिरामी कई और भी स्कूल हैं जहां नियमों को नजरअंदाज कर तबादला किया गया है। अब सभी मामलों का न्याय होगा।
- प्रसून सुंदर तरफदार,शिक्षक प्रभारी,श्रीगुरु विद्या मंदिर हाई स्कूल
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