दो माफिया के झगड़े में तीसरे पर विलेन बनी पुलिस
सिलीगुड़ी में सर्च वारंट के बिना ही पुलिस ने अखबार के मालिक के घर दी दबिश उठ रहे सवाल।

-सर्च वारंट के बिना ही अखबार के मालिक के घर दी दबिश
-मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर की गई है शिकायत, कार्रवाई की मांग जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दो ट्रांसपोर्ट माफिया के आपसी झगड़े में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के माटीगाड़ा व भक्ति नगर थाना की पुलिस ने विलेन बनते हुए एक तीसरे पक्ष को ही निशाना बना डाला। पुलिस ने बिना सर्च वारंट के ही, उत्तर बंगाल के जाने-माने अखबार घराने दर्पण पब्लिकेशस के कर्णधार संदीप चौधरी के घर पर दबिश दे कर उधम मचाया। यह आरोप खुद संदीप चौधरी ने लगाया है। पुलिस की इस भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी एक पत्र लिख कर पूरे मामले से अवगत कराया है और इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच एवं कार्रवाई की मांग की है।
इस बाबत रविवार शाम दर्पण कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए संदीप चौधरी के पुत्र प्रज्ज्वल चौधरी ने पूरा माजरा बताया। उन्होंने बताया कि बीती छह जुलाई को माटीगाड़ा थाना अंतर्गत खपरैल रोड स्थित एक होटल में एक विवाह समारोह था। उसमें शहर के जाने-माने ट्रांसपोर्ट कारोबारी एसएफ रोड निवासी रवींद्र कुमार जैन गए हुए थे। उसी समारोह में ट्रांसपोर्ट माफिया माना जाने वाला बागडोगरा के गोसाईपुर का निवासी धीरज घोष भी अपनी पत्नी के साथ पहुंचा था। रात के साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच होटल के मुख्य प्रवेशद्वार पर दोनों का आमना-सामना हुआ। पहले तो दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिला कर अभिवादन किया। उसके बाद आपस में बातचीत करने लगे। मगर, तुरंत ही दोनों में तीखी बहस होने लगी। तूतू-मैंमैं के बीच धीरज घोष ने रवींद्र कुमार जैन के साथ धक्का-मुक्की च मारपीट शुरू कर दी। दोनों के बीच हाथापाई भी हुई। मौके पर उपस्थित लोगों बीच-बचाव किया। उसके बाद रवींद्र कुमार जैन अपने घर चले गए। उसके अगले दिन सात जुलाई को धीरज घोष की पत्नी छीरिंग डोल्मा भुटिया जो कि एसजीएसटी की अधिकारी भी हैं, ने माटीगाड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। उस शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि विवाह समारोह में रवींद्र कुमार जैन ने उनके पति धीरज घोष को बुरी तरह से मारा-पीटा। वह जब बीच-बचाव करने गई तो रवींद्र कुमार जैन ने उन्हें व उनके पति को धक्का मार कर गिरा दिया व उनके संग उनकी जाति के नाम से गाली-गलौज की क्योंकि वह अनुसूचित जनजाति की हैं।
प्रज्ज्वल चौधरी ने आगे बताया कि, उक्त शिकायत दर्ज होते ही माटीगाड़ा थाने की पुलिस विशाल संख्या में देर रात लगभग ढाई बजे एसएफ रोड स्थित रवींद्र कुमार जैन के घर पहुंची और पूरे घर की तलाशी ली। वहां रवींद्र कुमार जैन नहीं मिले तो वह उनके बेटे हितेश जैन को पकड़ कर थाने ले गई। अगले दिन हितेश जैन ने भी उक्त विवाह समारोह में हुई घटना को लेकर माटीगाड़ा थाने में ही धीरज घोष के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई। पर, पुलिस ने धीरज घोष के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की। इधर, रविवार को शाम लगभग पौने तीन बजे चार वैन में सवार 25 से अधिक की संख्या में माटीगाड़ा और भक्ति नगर थाने के पुलिस अधिकारी व कर्मियों ने ईस्टर्न बाइपास स्थित दर्पण पब्लिकेशंस के कर्णधार संदीप चौधरी के घर पर धावा बोल दिया। कोई शिकायत या कोई सर्च वारंट के बिना ही पुलिस ने जबरन उनके घर में प्रवेश किया और उधम मचाया। सर्च वारंट की मांग करने पर सारी पुलिस तकरीबन तीन घंटे वहीं रुकी और फिर अपने अन्य सहकर्मी से सीसीटीवी फुटेज देखने का एक वारंट मंगवाई। फिर, उनके घर का सीसीटीवी फुटेज खंगाला। इस दौरान परिवार के लोगों को काफी बुरा-भला कहा।
संदीप चौधरी के पुत्र प्रज्ज्वल चौधरी ने संवाददाताओं को यह भी कहा कि, उनके पिता संदीप चौधरी बाइपोलर डिस्आर्डर के मरीज हैं। वहीं, अखबार जगत से जुड़े होने के नाते समाज में उनकी अपनी एक प्रतिष्ठा है। पुलिस के इस तरह के रवैये ने उनकी तबीयत व उनकी प्रतिष्ठा दोनों को आघात पहुंचाया है। केवल इसलिए कि रवींद्र जैन उनके संबंधी हैं। जबकि इससे पूर्व प्रज्ज्वल चौधरी व हितेश जैन ने डीसीपी कुंवर भूषण सिंह से भेंट कर उक्त मामले में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था। वहीं, डीसीपी ने पुलिस द्वारा परेशान नहीं करने का आश्वासन दिया था। पर, फिर भी पुलिस ने जबरन छापेमारी की। उसमें शामिल पुलिस अधिकारी महेश सिंह व अन्य बार-बार किसी ऊपरी दबाव का जिक्र कर रहे थे। यह कैसा और किसका दबाव है? कि पुलिस उस परिवार के घर पूरी फौज लेकर छापेमारी करने पहुंची, जिसका घटना से और घटना में शामिल दोनों पक्षों की आपसी रंजिश से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने यह भी रोष व्यक्त किया कि, जो सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस समाज के बुजुर्गो से लेकर बच्चों के हितों में कई परियोजनाएं चला रही है, उसी पुलिस की ऐसी विलेन वाली हरकत पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा व उनके पूरे पुलिस बल छवि को धूमिल करने वाली है। पुलिस के इस रवैये की वजह से संदीप चौधरी का स्वास्थ्य और भी ज्यादा बिगड़ गया और उन्हें फौरन डाक्टर की निगरानी में रखना पड़ा है। इस पूरे मामले को लेकर प्रतिक्रिया हेतु सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के एसीपी व डीसीपी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
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