सिलीगुड़ी: इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप की दास्तां कर देंगी हैरान, जान लीजिए कैसे हो जाते हैं लोग बर्बाद
साइबर ठग गिरोह युवती व महिलाओं की फोटो और नाम का उपयोग कर इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप का जाल बिछा रहे हैं। ट्रैप में आफर ही इतना उत्तेजित होता है कि लोग फंसते चले जा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप की दास्तां पहले मजा फिर सजा देती।

सिलीगुड़ी, मोहन झा। महिला सशक्तिकरण के इस दौर में आनलाइन ठगी के लिए महिलाओं को ही जरिया बनाया जा रहा है। साइबर ठग गिरोह युवती व महिलाओं की फोटो और नाम का उपयोग कर इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप (Honey trap on Internet Media) का जाल बिछा रहे हैं। ट्रैप में आफर ही इतना उत्तेजित होता है कि लोग फंसते चले जा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर हनी ट्रैप की दास्तां पहले मजा फिर सजा वाली कहावत को ही चरितार्थ करती है।
5जी के इस दौर में प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में स्मार्ट फोन और इंटरनेट मीडिया पर अकाउंट है। इंटरनेट मीडिया का खुमार तो लोगों पर ऐसा चढ़ा है कि सुबह जागने से लेकर रात सोने तक हर गतिविधि का स्टेटस शेयर किया जा रहा है और इसी का लाभ साइबर ठग उठा रहे हैैं। बैैंक खाते से रुपया उड़ाना, नौकरी, कालेजों में नामांकन, आनलाइन खरीददारी, आर्डर आदि के मार्फत ठगी का तरीका पुराना हो चला है। अब हनी ट्रैप का फार्मूला ट्रेंड में है।
इंटरनेट मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्वीटर आदि पर अमूमन हर व्यक्ति का अकाउंट है। फेसबुक पर तो लोग सुबह जागने से लेकर खाने-पीने, यात्रा से लेकर होटल और रात में सोने तक का स्टेटस लगातार शेयर करते हैैं। जबकि यह तरीका सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी घातक माना जा रहा है। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो साइबर ठग इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। ये लोगों की गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे हैं। ठगी के लिए इंटरनेट मीडिया पर लाखों नए आइडी रोजाना बनाए जा रहे हैं और डिलीट भी किए जा रहे हैं। महिलाओं के नाम और फोटो वाले आइडी की भरमार है। खूबसूरत युवती और महिलाओं की फोटो के साथ अकाउंट बनाए जा रहे हैं। एक ही युवती व महिला की फोटो का उपयोग कई क्षेत्र विशेष के अनुसार अलग-अलग नाम के अकाउंट में किया जाता है। फिर क्षेत्र विशेष के अनुसार वाले अकाउंट से लोगों को दोस्ती का आमंत्रण (फ्रेंड रिक्वेस्ट) भेजा जाता है। आमंत्रण स्वीकार करते ही हाय, हैलो के साथ संबंध प्रगाढ़ करने का सिलसिला शुरू होता है। इसी क्रम में लोगों को जीवन, घर-परिवार, काम आदि की जानकारी हासिल की जाती है। फिर आगे के वार्तालाप के लिए फोन नंबर और वाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान होता है। वाट्सएप नंबर मिलते ही वीडियो कालिंग के जरिए आनलाइन संबंध बनाने का आफर दिया जाता है।
किसी अनजान के साथ वीडियो काल पर शारीरिक संबंध जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित होती है। मोबाइल की स्क्रीन पर अनजान युवती या महिला को बिना कपड़ों के देखकर अंतरंगता की अनुभूति को प्राप्त करने के बाद मिलने वाली सजा एक धब्बा छोड़ जाती है। आनलाइन फिजिकल रिलेशन के दौरान हर हरकत को स्क्रीन रिकार्डिंग के जरिए रिकार्ड किया जाता है। चेहरे के साथ आपत्तिजनक स्थिति के रिकार्ड होते ही वीडियो काल काट कर रिकार्डिंग व्हाट्सएप पर भेज दिया जाता है। और फिर शुरू होता है ठगी या ब्लैकमेल का दौर।
उस रिकार्डिंग को डिलीट करने के एवज में आपकी हैसियत के अनुसार रकम की मांग की जाती है। रकम नहीं देने की स्थिति में उस रिकाडेर्ड वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर मौजूद सगे-संबंधियो, दोस्तों और परिवार वालों को भेजकर वायरल करने की धमकी दी जाती है। उस रिकार्ड वीडियो को आधार बनाकर ठगी या ब्लैकमेल करने का सिलसिला लगातार चलता ही रहता है।
पुलिस ने दी सतर्क रहने की सलाह
इस तरह की कई शिकायतें पुलिस के साइबर क्राइम थाने में दर्ज हुई है। पुलिस की मानें तो इस तरह के सैंकड़ों मामले रोजाना पूरे देश में दर्ज हो रहे हैं। जबकि दर्ज मामलों से कई गुणा अधिक मामले हो रहे हैं। इस तरह के प्रपोजल से सतर्क रहने की आवश्यकता है। सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की साइबर क्राइम टीम ठगी के मामलों को लेकर लगातार सतर्कता अभियान चला रही है।
ठगी का स्मार्ट तरीका
पुलिस सूत्रों की मानें तो इस तरह आनलाइन शारीरिक संबंध बनाने के दौरान मोबाइल स्क्रीन पर जो युवती या महिला बिना कपड़ों के दिखती है वह रियल नहीं होती है। बल्कि एडल्ट और पोर्न वीडियो को टैब, लैपटाप या डेस्कटाप पर चलाकर दिखाया जाता है। ठग महिला है या पुरुष यह भी जान पाना मुश्किल है। अब एक सवाल उठता है कि ठग यदि महिला नहीं तो फिर फोन या वीडियो काल पर वार्तालाप के दौरान युवती या महिला की आवाज कहां से आती है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए अगली कड़ी पढ़ें।
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