जानलेवा भी हो सकती है हर्निया की बीमारी-डॉ कौशिक भट्टाचार्य
-सर्जरी के अलावा दूसरा कोई इलाज नहीं -लक्षण दिखते ही तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें -जागरू
-सर्जरी के अलावा दूसरा कोई इलाज नहीं
-लक्षण दिखते ही तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें
-जागरूकता की कमी से बिगड़ती है मरीज की स्थिति
-सर्जरी के बाद तीन महीने तक बरतें सावधानी जागरण संवाददता,सिलीगुड़ी:हर्निया की बीमारी को हल्के में ना लें। यदि समय पर ऑपरेशन नहीं कराया तो यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए हर्निया की बीमारी का पता चलते ही तत्काल ऑपरेशन करा लेना चाहिए। सर्जरी के अलावा इस बीमारी का और कोई इलाज नहीं है। यह बातें प्रख्यात लेप्रोस्कोपिक एवं जनरल सर्जन डॉ कौशिक भट्टाचार्य ने कही। वह शनिवार को दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम के दौरान टेलीफोन पर हमारे पाठकों के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने आगे कहा कि हर्निया की सर्जरी नहीं कराई गई तो यह ऑब्स्ट्रक्टिव हर्निया में तब्दील हो जाता है। तब यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। हर्निया ऐसा नहीं है कि कि शरीर के किसी खास अंग पर हो। यह बीमारी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। हर्निया का मतलब है मासपेशियों का कमजोर हो जाना। इस बीमारी का इलाज दवा से संभव नहीं है। रोगी इस बात को नहीं समझते। पहले दवा लेने के चक्कर में समय बर्बाद करते हैं। जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। तब जान का खतरा तो होता ही है साथ ही इलाज में भी काफी खर्च हो जाता है। जबकि आमतौर पर हर्निया की ओपन सर्जरी 15 से 16 हजार रुपये में हो जाती है। हा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में थोड़ा ज्यादा खर्चा जरूर आता है। हर्निया के लक्षण के संबंध में डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि खासी होती है और पेट फूलने लगता है, उल्टी भी होती है, लेटने पर ठीक लगता है तो समझें हर्निया का लक्षण है। यह एक कॉमन बीमारी है। सबसे बड़ी बात यह है कि 100 में से 30 लोगों को यह बीमारी हो रही है। ऐसा भी नहीं है कि किसी खास उम्र में यह बीमारी होती है। किसी भी उम्र के वर्ग के लोगों को यह बीमारी हो सकती है। महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा होती है। क्योंकि किसी प्रकार की सर्जरी के बाद हर्निया का खतरा ज्यादा होता है। महिलाओं में सिजेरियन के कारण इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।
इलाज के संबंध में डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि दवा से इलाज नहीं है। अल्ट्रासाउंड से हर्निया की बीमारी का पता चल जाता है। सर्जरी से ही इलाज संभव है। एक प्रश्न के जवाब में डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि इस बीमारी की सर्जरी कोई बहुत बड़ी सर्जरी नहीं है। 24 घटे में ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। उसके बाद करीब 1 सप्ताह तक कंप्लीट रेस्ट करना पड़ता है। साथ ही सर्जरी के बाद 1 महीने तक कई प्रकार की सावधानिया बरतनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज ने हर्निया की सर्जरी कराई हो तो 1 महीने तक कोई भारी काम ना करें। वजन तो बिल्कुल ही नहीं उठाएं। खराब सड़क पर गाड़ी नहीं चलाएं। क्योंकि झटके से दर्द की समस्या हो सकती है। किक मारने वाले स्कूटर का उपयोग नहीं करें। 1 महीने के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। फिर भी तीन महीने तक सावधान रहना चाहिए।
यहा बता दें कि डॉ भट्टाचार्य की प्राथमिक पढ़ाई-लिखाई चेन्नई में हुई। एमबीबीएस 1993 में उन्होंने झारखंड के जमशेदपुर से की। वर्ष 1997 में उन्होंने एमएस की डिग्री हासिल की। उसके बाद डीएनबी सर्जरी उन्होंने त्रिवेंद्रम से की। करीब 6 साल तक चेन्नई के रामचंद्र मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर भी रहे। वर्ष 2010 से बीएसएफ के साथ जुड़े हुए हैं। चेन्नई से सीधे सिलीगुड़ी पहुंचने के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्हें चेन्नई के एक अस्पताल ने 1 साल के लिए डेप्युटेशन पर कूचबिहार भेजा था। कूचबिहार में उनकी प्रैक्टिस काफी अच्छी हो गई। उसके बाद उन्होंने चेन्नई जाने का इरादा छोड़ दिया। इसी दौरान उनकी शादी प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर नीला भट्टाचार्य से हो गई। कूचबिहार से सिलीगुड़ी आए और यहा अपनी प्रैक्टिस करने लगे। अब एक तरह से वह सिलीगुड़ी के ही होकर रह गए हैं। हर्निया की बीमारी ना हो इसके लिए उन्होंने मोटापा कम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की जरूरत है। यदि गॉल ब्लैडर की सर्जरी कराई है तो हर्निया की बीमारी होने की संभावना है।
प्रश्न:मैंने ओपन हर्निया सर्जरी कराई है। मुझे क्या सावधानी बरतनी चाहिए। - नवीन कुमार, सिलीगुड़ी
उत्तर:आप कम से कम 3 महीने तक भारी काम नहीं करें। तेल-मसाला खाना कम करें। सीढ़ी पर चढ़ते हैं तो धीरे-धीरे चढ़ें। किक मारकर स्कूटर तो बिल्कुल ही स्टार्ट ना करें। भारी काम करने से बचें प्रश्न: रात के समय पेट के एक हिस्से में दर्द की शिकायत है। क्या करना चाहिए।
- तरुण कुमार, कर्सियाग
उत्तर:इससे पहले कहीं आपको कोई बीमारी तो नहीं है। यदि उल्टी और पेशाब में जलन की समस्या है तो पेट की दर्द की शिकायत हो सकती है। कभी-कभी किडनी के रास्ते पत्थर होने से भी पेट दर्द की समस्या होती है। आप एक बार अल्ट्रासाउंड जरूर करा लें। उससे बीमारी का पता चल जाएगा। फिर इलाज कर पाना संभव हो सकेगा। यदि पानी कम पीते हैं तो पानी ज्यादा पिएं।
प्रश्न: पेट के बाएं तरफ दर्द की समस्या है। खासकर रात में जब सोने जाते हैं तो दर्द होता है।
- अशोक वर्मा,सिलीगुड़ी
उत्तर:एक बार अल्ट्रासाउंड कराने की जरूरत है। एंडोस्कोपी भी आप करा लें। उसके बाद ही पता चलेगा की बीमारी क्या है। एक बार बीमारी का पता चले तो भी इलाज कर पाना संभव हो सकेगा।
प्रश्न: मैं नशा करता हूं। पेट में दर्द की शिकायत है। कहीं नशे के कारण तो ऐसा नहीं हो रहा।
- जीवन अग्रवाल, सिलीगुड़ी
उत्तर:आप तत्काल नशा करना छोड़ दें। नशा से कई प्रकार की बीमारी हो सकती है। अल्ट्रासाउंड कराने की जरूरत है। किडनी के रास्ते पत्थर या इन्फेक्शन होने की भी संभावना रहती है। पेशाब की भी एक बार जाच करा लें। नशा तो जितना जल्दी हो छोड़ दें। प्रश्न:मेरे पेनक्रियाज में परेशानी है। पेट में दर्द भी है।
- गणेश कुमार शर्मा,सिलीगुड़ी
उत्तर:एक बार सिटी स्कैन करा लें, बीमारी का पता चल जाएगा। यदि नशा करते हैं तो नशा छोड़ दें। आप चाहे जितना इलाज करा लें यदि नशा करेंगे तो कोई फायदा नहीं होगा।
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