उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में फिर शुरू हुई पेसमेकर लगाने की सुविधा
राज्य सरकार ने एनबीएमसीएच में गरीब लोगों के कल्याण के लिए मुफ्त में पेसमेकर लगाए जाने की सुविधा शुरू की थी क्योंकि निजी अस्पतालों में एक पेसमेकर लगाने में डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सोमवार से यह सुविधा फिर शुरु हो गई है।

सिलीगुड़ी,जागरण संवाददाता। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (North Bengal Medical College and Hospital) में हृदय संबंधी बीमारी वाले मरीजों के लिए पेसमेकर (Pace maker) लगाने की सुविधा फिर से हो गई है। यह सुविधा सोमवार से शुरू हुई है। तकनीकी गड़बड़ी के चलते इस वर्ष फरवरी महीने में पेसमेकर लगाने की सुविधा ठप हो गई थी, इससे हृदय संबंधी बीमारी वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस बारे में उत्तर बंगाल में जन-स्वास्थ्य मामलों को देखने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी डा सुशांत कुमार राय ने कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी के चलते पेसमेकर लगाने की सुविधा कुछ दिनों से ठप थी। अब इसे फिर से चालू कर दिया गया है। बताया गया कि एनबीएमसीएच में हृदय संबंधी बीमारी वाले मरीजों को यदि पेसमेकर लगाने की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें वापस नहीं होना होगा।
इस बारे में एनबीएमसीएच के स्टूडेंट अफेयर के डीन डॉ संदीप सेन गुप्ता ने कहा कि एनबीएमसीएच में काफी संख्या में मरीज पेसमेकर लगवाने के लिए आते हैं। राज्य सरकार गरीब लोगों के कल्याण के लिए मुफ्त में पेसमेकर लगाए जाने की यह सुविधा शुरू की थी, क्योंकि निजी अस्पतालों में एक पेसमेकर लगाने में डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कुछ तकनीकी समस्या के चलते यह परिसेवा अभी ठप थी, जिसे ठीक कर लिया गया है। सी-आर्म नामक मशीन के खराब होने से इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई थी। नई मशीन आने के बाद पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
वहीं एनबीएमसीएच के अधीक्षक डॉ संजय मल्लिक का कहना है कि यहां पर दो साल पहले पेसमेकर लगाने की सुविधा शुरू की गई थी। बीच में एनबीएमसीएच के एक कार्डिएक सर्जन के यहां से चले जाने के बाद कुछ समस्या उत्पन्न हुई। इसके अलावा पेसमेकर लगाने वाली मशीन भी खराब हो गई थी। यहां पर नए कार्डिएक सर्जन को भेजे जाने और नई मशीन आने के कुछ दिनों के अंदर ही यह सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है।
वर्ष 2013 में शुरु हुई थी पेसमेकर की सुविधा
एनबीएमीएच में वर्ष 2011 में मुफ्त में पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया गया था, तथा 2013 में पहली बार यहां पेसमेकर लगाए जाने की सुविधा शुरू हुई थी, जो 2015 तक लगाया जा रहा था, लेकिन संक्रमण की रिपोर्ट के बाद इसे रोक दिया गया था, जिसे फिर से डेढ़ साल पहले शुरू किया गया था। बताया गया कि हृदय संबंधी बीमारी की समस्या को लेकर गरीब व मध्यम वर्ग के जरूरतमंद मरीज एनबीएमसीएच में आते हैं, लेकिन इलाज की सुविधा नहीं मिलने से उन्हें लौटना पड़ता था। बताया गया पेसमेकर लगाने की सुविधा लगातार जारी रहे, इसके पूरा प्रयास किए जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार यहां पर सिंगल चेंबर तथा डबल चेंबर दोनों तरह के पेसमेकर लगाए जाएंगे।
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