ट्रैक नवीकरण कार्य में रिकार्ड उपलब्धि
-एक साल के अंदर 327 किमी से अधिक पर काम - संरक्षा और बेहतर सवारी अनुभव की बढ़ोत्तरी का

-एक साल के अंदर 327 किमी से अधिक पर काम
- संरक्षा और बेहतर सवारी अनुभव की बढ़ोत्तरी को बनाया लक्ष्य
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: रेलवे ट्रैक की संरक्षा बढ़ाने और रेल यात्रियों को सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के लिए पू.सी. रेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान रेल और स्लीपर नवीकरण में रिकार्ड प्रगति दर दर्ज की है। पू. सी. रेल ने 2020-21 के दौरान 200.29 कि.मी. की तुलना में 2021-22 में 327.65 कि.मी. रेल नवीकरण कायरें की उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। यह 63.59 प्रतिशत की वृद्धि है। 2021-22 में 112.98 कि.मी. संपूर्ण स्लीपर नवीकरण कार्य किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के 58.8 कि.मी. के प्रदर्शन की तुलना में पू.सी. रेल द्वारा हासिल की गई अब तक की सबसे अधिक वृद्धि भी है। इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए सीपीआरओ सब्यसाची डे ने बताया कि पू.सी. रेल ने वर्ष 2021-22 के दौरान ट्रेन परिचालन में संरक्षा और गति बढ़ाने के लिए कई और ट्रैक मेंटेनेंस कार्य किए हैं। जबकि पिछले साल के 111 समकक्ष सेटों के प्रदर्शन की तुलना के मुकाबले 2021-22 में 145.75 समकक्ष टर्नआउट सेटों का नवीकरण किया गया है। वर्ष 2021-22 में 3585 टर्नआउट्स की टैंपिंग की गयी, जबकि 2635.54 कि.मी. का ट्रैक स्टेबलाइजेशन किया गया। उन्होंने आगे कहा कि ट्रेनों के सुचारू रूप से परिचालन के लिए, 2021-22 में 273.44 कि.मी. समतल पटरियों की डीप स्क्रीनिंग की गई है, जबकि पिछले साल का प्रदर्शन 177.68 कि.मी. था। 6108.40 कि.मी. के लक्ष्य की तुलना में 2021-22 में 6842.98 कि.मी. की समतल ट्रैक टैम्पिंग पूरी की गयी। पिछले साल 2.96 लाख घन मी. की तुलना में 2021-22 में कुल 5.03 लाख घन मी. बलास्ट की आपूर्ति की गयी। डे ने आगे कहा कि पिछले साल यूएसएफडी (अल्ट्रा सोनिक फ्लो डिटेक्शन) मशीन द्वारा 16105.79 किलोमीटर की तुलना में 2021-22 में 18690.62 किलोमीटर ट्रैक का परीक्षण किया गया है। यूएसएफडी तकनीक का उपयोग दरारों और संरक्षा के लिए दोषपूर्ण रेलों को समय पर हटाने जैसी खामियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। ट्रेनों की परिचालन गति बढ़ाने के लिए 2021-22 में 16 स्थायी गति प्रतिबंधों को भी हटा दिया गया है। आधुनिकीकरण पर ज्यादा जोर
पू.सी. रेल ट्रेन सेवाओं के सुरक्षित परिचालन के लिए ट्रैक नवीकरण के आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। रेल पटरियों को ट्रैक नवीकरण कायरें के माध्यम से प्रतिस्थापित किया जाता है, जो एक सतत प्रक्त्रिया है। जब कभी भी निर्धारित मानदण्डों के आधार पर रेलपथ का एक खंड नवीकरण के लिए देय हो जाता है, तब ट्रैक नवीकरण कार्य किए जाते हैं। ट्रैक मशीनों की मदद से ट्रैक नवीकरण की प्रक्त्रिया समय बचाती है और ट्रेनों की सामान्य आवाजाही के न्यूनतम प्रभाव के साथ कम से कम संभव समय में अच्छी गुणवत्ता का काम हासिल किया जा सकता है।
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