महिला महाविद्यालय में मचा हंगामा
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कोरोना महामारी के चलते गत 20 महीने लगातार बंद रहे पश्चिम बंगाल

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी के चलते गत 20 महीने लगातार बंद रहे पश्चिम बंगाल के स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थान मंगलवार 16 नवंबर से फिर से खुल गए। यहां सिलीगुड़ी व आसपास में भी सारे शिक्षण संस्थान खुल गए। मगर, इस दिन सिलीगुड़ी महिला महाविद्यालय में अजब-गजब हाल रहा। इसे लेकर छात्राओं ने गहरा रोष जताया। आक्रोशित छात्राओं ने कहा कि वे लोग दोपहर तक इंतजार करती रहीं लेकिन कॉलेज खुलने की कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। कहीं कोई सफाई नहीं की गई थी। 11 बजे तक, एक-दो को छोड़ अन्य सभी शिक्षक व कर्मचारी नदारद थे। 20 महीने बंद रहने के बाद भी कॉलेज के खुलने की कोई व्यवस्था न होना निराशाजनक रहा। हमें घंटों इंतजार करना पड़ा। हमारा यही आग्रह है कि अगले दिन से सब कुछ बेहतर किया जाए।
इस बारे में प्रधानाचार्य सुब्रत देवनाथ ने कहा कि कॉलेज गेट पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था थी। हां, कुछ शिक्षक-कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे थे। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अब तक सब कुछ ऑनलाइन चल रहा था। अब ऑफलाइन शुरू हुआ है। सो, रूटीन में कुछ अंतर आया है। नई रूटीन संग नई छात्राओं को सामंजस्य बिठाने में थोड़ा समय लगेगा ही। पर, उन्हें कोई समस्या थी तो कॉलेज प्रबंधन से कहना चाहिए थे न कि हंगामा खड़ा करना चाहिए था।
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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी के चलते गत 20 महीने लगातार बंद रहे पश्चिम बंगाल के स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थान मंगलवार 16 नवंबर से फिर से खुल गए। यहां सिलीगुड़ी व आसपास में भी सारे शिक्षण संस्थान खुल गए। मगर, इस दिन सिलीगुड़ी महिला महाविद्यालय में अजब-गजब हाल रहा। इसे लेकर छात्राओं ने गहरा रोष जताया। आक्रोशित छात्राओं ने कहा कि वे लोग दोपहर तक इंतजार करती रहीं लेकिन कॉलेज खुलने की कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। कहीं कोई सफाई नहीं की गई थी। 11 बजे तक, एक-दो को छोड़ अन्य सभी शिक्षक व कर्मचारी नदारद थे। 20 महीने बंद रहने के बाद भी कॉलेज के खुलने की कोई व्यवस्था न होना निराशाजनक रहा। हमें घंटों इंतजार करना पड़ा। हमारा यही आग्रह है कि अगले दिन से सब कुछ बेहतर किया जाए।
इस बारे में प्रधानाचार्य सुब्रत देवनाथ ने कहा कि कॉलेज गेट पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था थी। हां, कुछ शिक्षक-कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे थे। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अब तक सब कुछ ऑनलाइन चल रहा था। अब ऑफलाइन शुरू हुआ है। सो, रूटीन में कुछ अंतर आया है। नई रूटीन संग नई छात्राओं को सामंजस्य बिठाने में थोड़ा समय लगेगा ही। पर, उन्हें कोई समस्या थी तो कॉलेज प्रबंधन से कहना चाहिए थे न कि हंगामा खड़ा करना चाहिए था।
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