भारी बारिश से सिलीगुड़ी के सेवक में भूस्खलन, सिक्किम और कालिमपोंग सड़क बंद, बहाली में जुटा प्रशासन
सिलीगुड़ी के पास सेवक इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर भूस्खलन हुआ है। इसके कारण यातायात सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। भूस्खलन के बाद राहत व बचाव की टीम यातायात पुनर्बहाली के काम में लगातार जुटी हुई है।

कोलकाता, जेएनएन/एएनआइ। उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी इलाके में भारी बारिश का दौर जारी है। यहां रात भर हुई बारिश के चलते सिलीगुड़ी के पास सेवक इलाके में भूस्खलन हुआ है। इसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर यातायात सेवा बुरी तरह प्रभावित हो गया है। भूस्खलन के बाद प्रशासन द्वारा बहाली का काम शुरू कर दिया गया है। राहत व बचाव की टीम इस काम में लगातार जुटी हुई है। गौरतलब है कि बंगाल में पिछले कई दिनों से बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है।
मालूम हो कि, पिछले 12 घंटे से भी अधिक समय तक पहाड़ पर बारिश के कारण सेवक और कालीझोड़ा के बीच भूस्खलन हुआ है। जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 10 बंद हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी से करीब 15 किलोमीटर दूर सेवक और काली जोड़ा के बीच भूस्खलन की घटना हुई है। बुधवार को रात भर पहाड़ पर बारिश हुई है। सड़क बंद होने के कारण दोनों और वाहनों की लंबी कतार लग गई है।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूस्खलन के कारण किसी प्रकार प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन लाइफ लाइन समझा जाने वाला NH10 रात से ही बंद है। बृहस्पतिवार सुबह से ही सड़क खोलने का काम शुरू हो गया हैं। बुलडोजर लगाकर सड़क से मलबे को हटाया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से मलबा हटाने का काम हो रहा है। पीडब्ल्यूडी के कई अधिकारी और इंजीनियर मौके पर पहुंच गए हैं। इनका कहना है कि शाम तक सड़कों से मलबा हटा दिया जाएगा। कालिमपोंग और सिक्किम जाने वाली गाड़ियों का रूट बदल दिया गया है, पेशोक और जोरबंग्लो होकर वाहनों की आवाजाही हो रही है।
मालूम हो कि, मानसून में लगातार बारिश के कारण समतल के साथ पहाड़ पर भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन से पहाड़ का बड़ा हिस्सा सड़क पर आ गिरा है। जिसके कारण सड़क मार्ग बंद हो गया है। इस रूट पर गाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई। प्रशासन ने बड़े पैमाने मलबा हटाने का काम शुरू किया है। इससे लोगों को गंतव्य स्थल तक पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है। सिक्किम में भी कई इलाकों में भूस्खलन और भारी बारिश हुई है। भारी बारिश तथा भूस्खलन के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देख कर पता चल जाता है है कि बारिश और भूस्खलन ने मुख्य सड़कों को कितनी भारी क्षति पहुंचाई है। जानकारी मिली है कि सड़कों पर से मलबा हटाकर स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
दूसरी और मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में पहाड़ दरकने से मलबे में कई लोग दबे हैं। वीरवार सुबह 11 बजे के करीब एक बार फिर से भूस्खलन शुरू हो गया, इस कारण रेस्क्यू व सर्च आपरेशन रोक दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल का हवाई सर्वे किया है। मुख्यमंत्री स्वयं घटनास्थल पर पहुंचेंगे व रेस्क्यू व सर्च आपरेशन का जायजा लेंगे। बुधवार दोपहर बाद से रेस्क्यू आपरेशन जारी है। वीरवार सुबह तक 13 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। हादसे के बाद गायब एचआरटीसी की बस क्षतिग्रस्त हालत में सतलुज नदी के पास मिली है। बस चकनाचूर हाे चुकी है। टायर, दरवाजे सब कुछ अलग थलग पड़ा है। बस में सवार लोगों के बचने की उम्मीद बेहद कम है। बचाव दल ने मलबे में दबी बस के पास सर्च अभियान चलाया है व शुरुआत में जो शव मिले हैं वे क्षत विक्षत हालत में हैं। आइटीबीपी व एनडीआरएफ का बचाव दल ने चट्टानों को हटाकर लोगें की तलाश शुरू कर दी है।
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