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पहाड़ो की रानी दार्जिलिंग बेहद खूबसूरत और रोमांचक है

दार्जिंलिंग को ‘पहाड़ो की रानी’ और अपनी ख़ूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 02:34 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 02:34 PM (IST)
पहाड़ो की रानी दार्जिलिंग बेहद खूबसूरत और रोमांचक है
पहाड़ो की रानी दार्जिलिंग बेहद खूबसूरत और रोमांचक है

दार्जिलिंग शब्द की उत्त्पति दो तिब्बती शब्दों दोर्जे (ब्रज) और लिंग (स्थान) से हुआ है | इसका अर्थ है ‘ब्रज का स्थान’ है। दार्जिंलिंग को ‘पहाड़ो की रानी’ और अपनी ख़ूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यह नगर देखने में बहुत ही खूबसूरत और रोमाचंक है इसलिए यहाँ पर साल भर लोग घूमने के लिए आते रहते है। दार्जिंलिंग की चाय के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिंलिंग चाय के बागान, पहाड़, मंदिर और मठ के लिए जाना जाता है। इस स्‍थान की खोज तब हुई थी जब आंग्‍ल-नेपाल युद्ध के दौरान एक ब्रिटिश सैनिक की टुक‍ड़ी सिक्किम जाने के लिए छोटा सा रास्‍ता तलाश रही थी।

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टाइगर हिल  

यह दार्जिलिंग शहर से 14 किलोमीटर दूर 8482 फीट की ऊचाई पर स्थित है । यह लोगो के लिए बहत ही सुंदर दर्शनीय स्थल है। इस हिल पर चढ़ाई करने में सबसे ज्यादा आनदं आता है। इसी के पास बर्फ से ढकी कंचनजंघा की पहाडियों के पीछे से सूर्योदय का आकर्षक नजारा देखने को मिलता है। यही से आपको विश्व की सबसे ऊँचे पर्वत माउंट एवेरस्ट की छोटी भी देखने को मिलेगी।

तेंजिंगस लेगेसी

हिमालय माउंटेनिंग संस्‍थान की स्‍थापना 1954 ई. में की गई थी। और 1953 ई. में पहली बार हिमालय को फतह किया गया था। यहां एक माउंटेनिंग संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय को एवेरेस्ट संग्रहालय के नाम से जाना जाता है।

 टॉय ट्रेन –

दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन से आप प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठा सकते है। यह जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक 78 किलोमीटर के लम्बे ट्रैक पर टेढ़े-मेढ़े रास्तो से गुजरती हुई हर पल को यादगार बनाती है। यह ट्रेन बतासिया लूप पर सबसे ज्यादा खूबसूरत लगती है यह आठ के आकर में घूमती है ।

जापानी मंदिर –

यह दार्जिलिंग शहर से 10-15 किलोमीटर की दूरी पर है । यह मंदिर जापानी मंदिरों की तरह सफ़ेद पत्थर से व गोल आकृति में बनवाया गया है । इसकी स्थापना विश्व में शांति लाने के लिए की गयी थी। इस मंदिर से पुरे दार्जिलिंग और कंचनजंघा का सुंदर नजारा देखने को मिलता है।

बतासिया लूप–

यह दार्जिलिंग से 5 किलोमीटर दूर इंजीनियरिंग का बेहतरीन रूप है ।

चाय के बागान- चाय के लिए ही दार्जिलिंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है । यहाँ की चाय सबसे महंगी और बहुत ही खुशबूदार मानी जाती है । यहाँ के सभी उद्यानों की चाय अलग – अलग किस्म की होती है। चाय का पहला बीज जो की चाइनीज झाड़ी का था कुमाऊँ हिल से लाया गया था ।

यहाँ का सबसे पास का हवाई अड्डा बागडोगरा (सिलीगुड़ी) है जो की दार्जिलिंग से 90 किलोमीटर दूर है ।अगर ट्रेन से जाना चाहते है तो जलपाईगुड़ी यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। 


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