कर्सियांग में पहुंच रही पर्यटकों की भीड़, हनुमान डांडा बना पर्यटकों का मन-पसंद टूरिस्ट स्पॉट
कर्सियांग में पर्यटन की सुविधाएं तेजी से विकसित हो रही हैं। शहर से तकरीबन चार किलोमीटर दूर गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) द्वारा बरबुंग में भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति स्थापित की गई है। हनुमान डांडा पर्यटकों का मन-पसंद टूरिस्ट स्पॉट बन गया है।
कर्सियांग, मुरारी लाल पंचम। कर्सियांग में पर्यटन की सुविधाएं तेजी से विकसित हो रही हैं। शहर से तकरीबन चार किलोमीटर दूर गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) द्वारा बरबुंग में भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति स्थापित की गई है। यहां मंदिर भी बनाया गया है, लोग इसे हनुमान डांडा के नाम से जानते हैं। हनुमान डांडा पर्यटकों का मन-पसंद टूरिस्ट स्पॉट बनता जा रहा है। इसी जगह में 'आइ लव् कर्सियांग' का एक व्यू प्वाइंट भी तैयार किया गया है। कर्सियांग क्षेत्र में आइ लव् कर्सियांग का यह दूसरा व्यू प्वाइंट है। पहला आइ लव् कर्सियांग का व्यू प्वाइंट पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से रोहिणी रोड में जीटीए द्वारा तैयार किया गया है।
कर्सियांग में पर्यटन की अच्छी संभावना होतेे हुए भी यह पर्यटन मानचित्र से वंचित है। पर्यटन क्षेत्र में कर्सियांग आज भी उपेक्षित है, परंतु यहां की प्राकृतिक सुंदरता, पहाडि़यां व आबोहवा पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पर्यटकों का आगमन यहां जारी रहता है।
छुट्टियों में यहां खूब लगती है भीड़
कर्सियांग व यहां के टूरिस्ट स्पॉट पर अवकाश के दिनों में लोगों की खूब भीड़ जमती है। स्थानीय लोग भी अपने परिवार, बच्चे आदि के साथ यहां पहुंचते हैं। आजकल सबसे अधिक समतल क्षेत्र से मोटर बाइक, स्कूटर आदि के जरिये भी यहां युवक व युवतियां पहुंचते हैं। कई बार विदेशों से भी यहां पर्यटक पहुंचते हैं। देशी-विदेशी पर्यटक इस क्षेत्र की मनोरम दृश्यों का लुत्फ़ उठाते हुए मोबाइल फोन में विविध आकर्षक दृश्यों को कैद कर लेते हैं। जो पर्यटक यहां निजी वाहन से नहीं आते वे कर्सियांग मोटर स्टैंड से लोकल वाहनों को रिजर्व कर यहां की खूबसूरत वादियों में सैर-सपाटे का आनंद लेते हैं।
जीटीए की ओर से विकसित किए जा रहे पर्यटन केंद्र
जानकारी अनुसार कर्सियांग को पर्यटन के क्षेत्र में अंतर्भुक्त करने के लिए विगत कई वर्षों से विविध प्रक्रिया जारी होने के बावजूद आजतक यह पर्यटन के मानचित्र में समावेश नहीं हो पाया है। परंतु जीटीए की ओर से पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु कर्सियांग महकमा के विविध इलाकों में पर्यटन केंद्रों को विकसित करने का कार्य जारी है। पर्यटन के मानचित्र में कर्सियांग अंतर्भुक्त होने के बाद निश्चित ही इसकी अलग ही पहचान होगी।