विशेष बातचीत में भाजपा नेता राजू बिष्ट बोले, मुख्यमंत्री ममता ने किया बंगाल का बंटाधार
बिष्ट ने कहा कि गृह व पुलिस विभाग ममता के पास हैं । राज्य में कानून व्यवस्था की हालत दिन प्रतिदिन क्या हो रही है।
सिलीगुड़ी [अशोक झा]। राजनीतिक हिंसा ,बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था , राहत व परियोजनाओं में भ्रष्टाचार तथा हिल्स में जटिल होती समस्या अब बंगाल की पहचान बन गयी है। इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो वह है सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। यह कहना है भाजपा के युवा नेता व दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट का। सिलीगुड़ी में सात दिनों के लगाए गए लॉकडाउन और राजनीतिक हिंसा को लेकर दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। भाजपा सांसद ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य का बंटाधार करने में लगी है। इसका उदाहरण खुद ममता बनर्जी के पास के तीन महत्वपूर्ण विभाग गृह, स्वास्थ्य व हिल्स है। बिष्ट ने कहा कि गृह व पुलिस विभाग ममता के पास हैं । राज्य में कानून व्यवस्था की हालत दिन प्रतिदिन क्या हो रही है।
स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री के पास है। कोरोनो महामारी से जूझ रहे लोगों की हालत क्या है किसी से छुपी नही है। सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल में बाध्य होकर लॉक डाउन लगाया गया। कहा, देर आये दुरुस्त आये। हिल्स विभाग भी ममता बनर्जी की निगरानी में है। 2017 से वहां रहने वालों की क्या स्थिति हो गयी है । पांच हजार से अधिक गोरखा आज पलायन किये हुए है। उनका कसूर सिर्फ यह है कि वह ममता की हां में हां नहीं मिलाया। जब विमल गुरुंग जैसे कद्दावर नेता ने हां कहा तो वह बेटा बन गया । जब अपनी बात रखी तो वह बागी ओर सोटेलाबन गया। यही कारण है कि हिल्स के लोगों ने लोकसभा चुनाव व विधानसभा उपचुनाव में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी।
सरकारी परियोजना हो या कोई व्यापार यहां कटमणि के बिना बात नही बनती। राहत व राशन में बंदरबाट किया जा रहा है। इसको लेकर राज्यभर में आक्रोश है। पुलिस और सिंडीकेट से उसे चुप कराने की कोशिश हो रही है। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस के समानांतर सिविक बॉडी को मजबूत कर रहीं हैं। इस सिविक बॉडी में टीएमसी के दबंग कार्यकर्ता भरे जा रहे। जो वसूली के साथ अपराध को भी बढ़ावा देते हैं। दार्जिलिंग से लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि एक राजवंशी नेता की हत्या के लिए जनता कभी टीएमसी को माफ नहीं करेगी।
तृणमूल कांग्रेस की लहर में भी देबेंद्र नाथ रे सीपीएम के टिकट पर संबंधित सीट से जीतकर आए थे। टीएमसी को पता था कि देबेंद्र नाथ रे के जिंदा रहते उसका प्रत्याशी कभी हेमताबाद से चुनाव नहीं जीत पाएगा। बंगाल की राजनीति में विरोधी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती रही हैं। वामदलों के साढ़े तीन दशक चले शासन में राजनीतिक हिंसा की खूनी इबारतें निरंतर लिखी जाती रही थीं। दरअसल वामपंथी विचारधारा विरोधी विचार को जड़-मूल से खत्म करने में विश्वास रखती हैं। ममता बनर्जी जब सत्ता पर काबिज हुई थीं, तब यह उम्मीद जगी थी कि बंगाल में लाल रंग का दिखना अब समाप्त हो जाएगा लेकिन धीरे-धीरे तृणमूल कांग्रेस वामदलों के नए संस्करण में बदलती चली गई। यही कारण रहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पूर्व भी बंगाल को खूब रक्त बहा।
दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने कहा है कि हेमताबाद से पार्टी विधायक देबेंद्र नाथ राय की हत्या सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों ने की है। यह बात स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ इंटेलीजेंस एजेंसी के लोग भी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हत्या में शामिल लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर किसी दिन विरोधी दल के सांसदों और मंत्रियों की भी हत्या हो सकती है। राज्य में भाजपा के कुल 18 सांसद हैं,जिसमें दो केंद्रीय मंत्री हैं। सीबीआई जांच से ही विधायक की हत्या की साजिश का खुलासा होगा। भाजपा सांसद ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का शासन था, तब ममता बनर्जी छोटी-छोटी घटनाओं की सीबीआई जांच की मांग करती थी, लेकिन अब विधायक की हत्या जैसी घटनाओं पर सीबीआई जांच का क्यों विरोध कर रहीं हैं?भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने कहा है पश्चिम बंगाल में हत्याओं की सीरीज शुरू हो गई है। इससे पहले भी पार्टी कार्यकतार्ओं की हत्या हुई है, लेकिन सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई न होने से उनका दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। पूरलिया में एक काउंसलर की हत्या हो चुकी है।
पुलिस की छूट में मनमानी चलती रही तो किसी दिन सांसदों और मंत्रियों की भी हत्या की खबरें आ सकतीं हैं। राज्य में भाजपा सांसदों पर हमले की घटनाएं आम बात हैं। खुद मेरे ऊपर भी हमला हो चुका है। भाजपा सांसद ने कहा कि हेमताबाद से पार्टी विधायक देबेंद्र नाथ रे का गुनाह क्या था? यही न कि वो 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। पश्चिम बंगाल सीआईडी ने विधायक की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया है। जबकि सत्ताधारी पार्टी आत्महत्या की बात कर रही है। क्या कोई आत्महत्या करने के लिए रात एक बजे किसी के बुलाने पर जाएगा ?। बंगाल में अब तृणमूल कांग्रेस के पाप का घड़ा भर गया है, 2021 में यह फट जाएगा। भाजपा पूर्ण बहुमत से बंगाल में सत्ता पर काबिज होगी। क्योकि यह जनता की मांग है। जब जान भावना उबाल लेती है तो सत्ता परिवर्तन तय है।