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    नैरोबी मक्खी है सिलीगुड़ी में आतंक मचाने वाला एसिड कीड़ा, त्वचा पर बैठ जाए तो मारें नहीं उड़ा दें

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    Updated: Wed, 06 Jul 2022 06:42 PM (IST)

    जिला प्रशासन ने इस कीड़े को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है! इन मक्खियों पेडरिन नामक एक पदार्थ होता है जो त्वचा के संपर्क में आने पर जलन पैदा करता है। नैरोबी मक्खी को कहीं-कहीं ड्रैगन बग कहा जाता है। वयस्क काले और लाल रंग के होते हैं।

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    यहीं है आतंक मचानेवाला नैराेबी बग या एसिड कीड़ा। जागरण फोटो।

    सिलीगुड़ी, विपिन राय। पिछले दो दिनों से कई लोगों को काट कर आतंक मचाने वाले कीड़े की पहचान कर ली गई है। दरअसल यह एक प्रकार मक्खी है। जबकि इसे अबतक एसिड कीड़ा कहा जा रहा था। इसकी पहचान नैरोबी मक्खी के रूप में की गई है। यदि यह आपकी त्वचा पर बैठ जाए तो उसे मारें नहीं बल्कि उड़ा दें। क्योंकि आप तब तक घायल नहीं होंगे जबतक कि यह आपकी त्वाचा पर मसल ना जाए। क्योंकि यह मक्खी काटती ही नहीं है।

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    दूसरी ओर इस कीड़े के काटने से अब तक कई लोग घायल हो गए हैं। पहले एसिड कीड़े का आतंक उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच देखने को मिला था। बाद में कई और स्थानों पर एसिड कीड़े के काटने की घटनाएं सामने आई। उसके बाद से लोगों में हड़कंप मच गया। सोमवार को सिलीगुड़ी शहर के वार्ड नंबर 42 के नेताजी नगर तथा देवीडांगा इलाके में कुछ लोगों को एसिड कीड़े के काटे जाने की घटना सामने आई। मंगलवार को भी कई लोगों को इस कीड़े ने काटा है। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार एसिड कीड़े के काटे जाने के बाद उस स्थान पर जलन हो रही है तथा दर्द होने के साथ ही सिर दर्द, बुखार तथा उल्टी की शिकायतें हो रही है।

    दार्जिलिंग के जिलाधिकारी ने एस पोन्नाबलम ने बताया है कि जिले में नैरोबी कीड़े के काटने की कुछ घटनाएं हुई है। इसको देखते हुए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है बल्कि सावधान रहने की आवश्यकता है। इस मक्खी की जानकारी देने के साथ ही इससे बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है। दूसरी ओर यह मामला अब सिलीगुड़ी नगर निगम के लिए भी सिरदर्द बन गया है। कीड़ा काटने की कई घटनाएं सामने आने के बाद नगर निगम ने अपने हेमोटालाजिस्ट कीट विज्ञानी के साथ एक बैठक की है। इस कीड़े के अध्यन का निर्देश जारी कर दिया गया है।

    निगम के डिप्टी मेयर रंजन सरकार उर्फ राणा ने बताया है कि इस पूरे क्षेत्र में मात्र एक कीट विज्ञानी नगर निगम के पास ही है। इस मामले को लेकर उनसे बातचीत हुई है। आम लोगों को घबराने और आतंकित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। नैरोबी मक्खियों की दो प्रजातियां दूसरी ओर इस कीड़े की पहचाना नैरोबी मक्खी के रूप में की गई है। ये मक्खियां पूर्वी अफ्र ीका के देशों में पाई जाती हैं। मूल रूप से इसकी दो प्रजातियां होती है। पहला पेडेरस और दूसरा रोव बीटल। जिला प्रशासन ने इस कीड़े को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किया है उसमें बताया गया है कि इन मक्खियों पेडरिन नामक एक पदार्थ होता है, जो त्वचा के संपर्क में आने पर जलन पैदा करता है। कहीं -कहीं ड्रैगन बग भी नाम

    नैरोबी मक्खी को कहीं-कहीं ड्रैगन बग कहा जाता है। वयस्क मुख्य रूप से काले और लाल रंग के होते हैं। ये लंबाई में 6-10 मिमी और चौड़ाई में 0.5-1.0 मिमी होते हैं। ये मुख्य रूप से काले और लाल होते हैं। ये गरमा-गरम और फ्लोरोसेंट रोशनी के प्रति आकर्षित होते हैं। जिसके परिणामस्वरूप अनजाने में मनुष्य के संपर्क में आ जाते हैं।

    काटती नहीं हैं ये मक्खियां भारी बारिश में नैरोबी मक्खियां पनपती हैं। ऐसे ये मक्खियां ना तो डंक मारती हैं और न ही काटती हैं। लेकिन उनके अंदर हेमोलिम्फ में पेडरिन होने से ये त्वचा को नुकसान होता हैं। जहां ये बैठती हैं उसके आसपास की त्वचा लाल हो जाती है और जलन की समस्या होती है। हांलाकि ऐसा तभी होता है जब आप मक्खी को मार देते हैं। इससे उनके अंदर का तरल पदार्थ निकलता है और नुकसान पहुंचाता है।

    बचाव के लिए क्या करें

    1.बेड नेट, लंबी आस्तीन वाले कपड़ों का उपयोग करें और रात में रोशनी के नीचे बैठने से बचें।

    2. यदि कोई मक्खी आपकी त्वचा पर बैइे तो उसे उड़ा देना चाहिए। उसे मसलना या मारना नहीं चाहिए।

    3. सूर्यास्त के एक घटे पहले खिड़किया बंद कर दें,क्योंकि यही वह समय है जब मक्खिया घर में प्रवेश करती हैं। 4. खिड़कियों को महीन जालों से ढकना चाहिए।

    5. अलमीरा में नेफ्थलीन की गोलिया रखनी चाहिए।

    6. इनडोर लाइटों को बंद कर देना चाहिए। स्टिकी ट्रैप के साथ बाहरी रोशनी का उपयोग किया जा सकता है।

    7. मच्छर नाशक स्प्रे का उपयोग बाथरूम क्षेत्र, नम और छायादार स्थानों पर करना चाहिए।

    8. जहां मक्खी बैठे उस क्षेत्र को साबुन और पानी से धोना चाहिए।