भिखारी के वेश में सात वर्ष के बाद मां को उसका खोया हुआ बेटा मिला
आखिरकार भगवान ने उसकी बात सुन ली और सात वर्ष के बाद वापस उसके बेटे से मिला दिया। सुशांत के घर लौटने से इलाके में भी खुशी की लहर है।
जलपाईगुड़ी, जागरण संवाददाता। भिखारी के वेश में सात वर्ष के बाद मां को उसका खोया हुआ बेटा मिला। शरीर पर चोट के निशान लेकर वापस लौटा आंशिक रूप से दिव्यांग सुशांत राय। यह घटना जलपाईगुड़ी के महामाया पाड़ा इलाके की है। गत 16 दिसंबर 2011 को सुशांत राय (47) लापता हो गया था।
परिवार व आसपास के लोगों ने काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला था। परिवार के सदस्य राजू मंडल ने कहा कि शहर के डीबीसी रोड स्थित एक कैसेट की दुकान में काम सुशांत काम करता था। लेकिन गत 16 दिसंबर 2011 को वह अचानक लापता हो गया। इसके बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा कोलकाता, बिहार समेत विभिन्न राज्यों में काफी तलाश करने के बाद भी सुशांत का कुछ पता नहीं चला।
गत बुधवार को महामाया इलाके के ही राजू सरकार ने एनजेपी स्टेशन पर सुशांत को देखा। इसके बाद घर के नाम तानु की आवाज लगाते ही उसने पलट कर देखा। फिर उसकी तस्वीर वाटसैप के माध्यम से परिवार को भेजा गया। सभी पहचान गए की भिखारी और कोई नहीं बल्कि सुशांत ही है। इसके बाद परिवार के लोग एनजेपी स्टेशन पहुंचकर उसे घर लेकर आए।
वर्तमान समय में उसके शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान हैं। उसे इलाज के लिए जलपाईगुड़ी सुपर स्पैसियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुशांत की मां बेलारानी राय ने कहा कि वह प्रतिदिन भगवान से प्रार्थना करती थी। आखिरकार भगवान ने उसकी बात सुन ली और सात वर्ष के बाद वापस उसके बेटे से मिला दिया। सुशांत के घर लौटने से इलाके में भी खुशी की लहर है।