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    खस भारतीय हितकारी सम्मेलन में शिक्षा और संस्कृति रक्षा पर जोर

    By Edited By:
    Updated: Sun, 05 Jan 2014 09:33 PM (IST)

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    कालिम्पोंग, संवाद सूत्र : स्थानीय रामकृष्ण रंगमंच में आयोजित खस भारतीय हितकारी सम्मेलन में समुदाय की संस्कृति रक्षा और शिक्षा पर जोर देने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम में हिल्स के खास समुदाय के लोगों ने शिरकत की। पारंपरिक परिधान में युवाओं की अच्छी-खासी संख्या में उपस्थित थे। समिति से सचिव जीपी नेउपानी ने आगंतुको का स्वागत किया। कुमार क्षेत्री ने समुदाय की उत्पत्ति के इतिहास पर प्रकाश डाला। मनोज पराजुली एव टंग क्षेत्री ने जाति के अस्तित्व पर चर्चा की। उन्होंने युवाओं से समुदाय की रक्षा का आह्वान किया। संगठन में काम करने वालों को जगह दी जाएगी, सिर्फ पद चाहने वालों के लिए संगठन में कोई जगह नहीं। हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना होगा। समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को संकल्प लेना होगा। उन्होंने समुदाय से संगठन का ध्वज लगाने की नसीहत भी दी। केंद्रीय समिति के महासचिव एसपी उत्प्रेती ने कहा कि संगठित होने का समय आ गया है। हमारी मांग जनजाति विभाग तक पहुंचाई जा चुकी है। 1991 की जनसंख्या के आधार पर खस जाति को जनजाति का दर्जा प्राप्त होने का दावा किया। मुख्य अतिथि कालिम्पोंग महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरपी ढकाल ने कहा कि शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा के प्रचार-प्रसार से युवाओं को संस्कृति के प्रति झुकाव पैदा किया जा सकता है। कार्यक्रम को बलभद्र फूयेल, केंद्रीय समिति अध्यक्ष आरपी निरौला, संयोजक संतोष खड़का तथा एनके कुमाई ने भी संबोधित किया। 20 अप्रैल को मेला ग्राउंड में खस अखिल भारतीय महा सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की गई। इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।

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