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    अस्थायी कर्मी को निष्कासित करने पर बिजली अधिकारी को समाज से बहिष्कार की धमकी

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 23 Aug 2022 07:21 PM (IST)

    संवादसूत्र दिनहाटा तृणमूल श्रमिक संगठन ने राज्य विद्युत वितरण कंपनी के तहत कार्यरत दिनहाटा

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    अस्थायी कर्मी को निष्कासित करने पर बिजली अधिकारी को समाज से बहिष्कार की धमकी

    संवादसूत्र, दिनहाटा : तृणमूल श्रमिक संगठन ने राज्य विद्युत वितरण कंपनी के तहत कार्यरत दिनहाटा डिवीजन के एक अस्थायी कर्मचारी को बर्खास्त करने के साथ ही नए युवक को नौकरी पर रखने के लिए रिश्वत की माग के खिलाफ आदोलन के अलावा अधिकारी के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी दी है। इसे लेकर संगठन की ओर से मंगलवार को बिजली वितरण कंपनी के दिनहाटा कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया। मांग की गई कि यदि बर्खास्त कर्मचारी को काम पर रखा नहीं गया तो बिजली विभाग के अधिकारी व उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। गलत तरीके से अस्थायी कर्मचारी को गलत तरीके से बर्खास्त किया गया है।

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    बिजली विभाग का कहना है कि वह कर्मचारी बिना मीटर देखे घर में बैठकर मीटर का रीडिंग ले रहा था। जब ये आरोप साबित होने के बाद उन्हें अस्थायी रूप से काम से बर्खास्त कर दिया गया। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि रिश्वत लेने के आरोप सही नहीं हैं।

    तृणमूल नेतृत्व ने एक तरफ एक कर्मचारी को बर्खास्त करने और दूसरी तरफ नए युवाओं को काम पर रखने के लिए प्रोत्साहन मागने पर बिजली वितरण कंपनी के अधिकारी को कड़ी चेतावनी दी। इस दिन तृणमूल श्रमिक संगठन की ओर से जिला उपाध्यक्ष बिशु धर, संगठन के दिनहाटा नगर प्रखंड अध्यक्ष निर्पेन देबनाथ के नेतृत्व में बिजली वितरण विभाग के समक्ष धरना शुरू हुआ। उसके बाद दिनहाटा स्टेशन के प्रभारी को घेरकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दिन तृणमूल मजदूर संगठन द्वारा बिजली वितरण कंपनी के एक अधिकारी के सामाजिक बहिष्कार की धमकी को लेकर काफी बवाल हुआ था.

    बिशु धर ने कहा कि एक कर्मचारी को गलत तरीके से बर्खास्त कर दिया गया है और वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके विरोध में अस्थाई कर्मचारी कई दिनों से हड़ताल पर हैं। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा के अनुरोध पर अस्थायी कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली। हालाकि, बिजली वितरण कंपनी के एक अधिकारी बप्पा दास ने सभी आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि रिश्वत लेने का आरोप सही नहीं है। जिस कर्मचारी को नौकरी से निकाला गया वह काफी देर से बिना मीटर देखे घर पर बैठकर रीडिंग ले रहा था। शिकायतें मिलने एवं जांच के बाद उस कर्मचारी को अस्थायी रूप से काम से निलंबित कर दिया गया था। इसे लेकर कार्यकर्ताओं ने आदोलन शुरू कर दिया।