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    बंगाल के रेड लाइट एरिया में SIR ड्राफ्ट सूची का चौंकाने वाला डेटा, बांग्लादेशियों के सवाल पर TMC-BJP आमने-सामने

    By Rakesh Pradeep Upadhay Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 02:22 PM (IST)

    SIR In West Bengal: पश्चिम बंगाल के रेड लाइट एरिया में SIR ड्राफ्ट सूची से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस डेटा के सामने आने के बाद बांग्लादेशी नागरिक ...और पढ़ें

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    एसआइआर के दाैरान लच्छीपुर याैनपल्ली से बड़ी संख्या में मतदाता गायब। (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, आसनसोल। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2026 से पहले राज्यभर में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के बाद कुल्टी विधानसभा क्षेत्र के यौनपल्ली (रेल लाइट एरिया) लच्छीपुर और चबका से सटे इलाकों में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां चार मतदान केंद्रों-113, 114, 115 और 116-से कुल 742 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।

    एसआइआर(SIR) की शुरुआत में इन चार बूथों पर कुल 3,627 मतदाता पंजीकृत थे। प्रारूप सूची जारी होने के बाद जिन 742 नामों को हटाया गया, उनमें 139 मतदाता मृत पाए गए, 69 मतदाता दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके थे, जबकि 534 ऐसे मतदाता थे जिनका कोई सुराग नहीं मिला। इन लोगों ने गणना प्रपत्र जमा नहीं किया था। इसके अलावा 684 मतदाताओं का मिलान वर्ष 2002 की मतदाता सूची से नहीं हो सका।

    इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। विपक्षी दलों का दावा है कि हटाए गए अधिकांश नाम फर्जी थे और ये वास्तविक मतदाता नहीं हैं। आरोप लगाया गया है कि वर्षों तक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में पैसे लेकर इन नामों को मतदाता सूची में शामिल किया गया था।

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    विपक्ष का यह भी कहना है कि हटाए गए नामों में करीब 80 प्रतिशत महिलाओं के थे और प्रतिबंधित इलाकों में अब भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक मौजूद हैं। भाजपा के जिला महासचिव केशव पोद्दार ने कहा कि इन चार बूथों से करीब 40 प्रतिशत मतदाता अचानक गायब हो गए हैं, जिनका कोई ठोस पता नहीं है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि जाली कागजात के आधार पर बांग्लादेशियों को मतदाता बनाया गया और यह सब तृणमूल कांग्रेस के आशीर्वाद से हुआ। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

    पार्टी का कहना है कि नाम कटने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) जिम्मेदार हैं। तृणमूल नेताओं के अनुसार, कई यौनकर्मी अपनी पहचान छिपाकर यहां काम करने आती हैं और डर के कारण या तो क्षेत्र छोड़ देती हैं या फॉर्म जमा नहीं कर पातीं। पार्टी ने बांग्लादेशी कनेक्शन से भी इनकार किया है।

    59 नंबर वार्ड के पार्षद जाकिर हुसैन ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि इस इलाके में कई लोगों के दो जगह वोटर कार्ड हैं-एक गांव में और दूसरा यहां। एसआईआर के दौरान लोग गांव जाकर वहां अपना नाम सुरक्षित करने में लगे हैं। तृणमूल कार्यकर्ता ऐसे लोगों की पहचान में प्रशासन की मदद कर रहे हैं।