Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Pawan Singh BJP: भाजपा के अगले चेहरे पर टिका आसनसोल, असमंजस में पार्टी व स्थानीय लोग

    By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Sun, 03 Mar 2024 06:46 PM (IST)

    भोजपुरी स्टार पवन सिंह द्वारा आसनसोल सीट पर भाजपा के प्रत्याशी के रूप में अपना नाम वापस लेने के बाद से यहां की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। आसनसोल के लोगों की निगाहें अब उस अगले चेहरे पर टिकी है जिसे भाजपा उतारने वाली है। लगभग तय माना जा रहा है कि पवन सिंह अब भाजपा की टिकट पर आसनसोल की चुनाव को नहीं लड़ेंगे।

    Hero Image
    लगभग तय माना जा रहा है कि पवन सिंह अब भाजपा की टिकट पर आसनसोल की चुनाव को नहीं लड़ेंगे।

    जागरण संवाददाता, आसनसोल। भोजपुरी स्टार पवन सिंह द्वारा आसनसोल सीट पर भाजपा के प्रत्याशी के रूप में अपना नाम वापस लेने के बाद से यहां की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। आसनसोल के लोगों की निगाहें अब उस अगले चेहरे पर टिकी है जिसे भाजपा उतारने वाली है। लगभग तय माना जा रहा है कि पवन सिंह अब भाजपा की टिकट पर आसनसोल की चुनाव को नहीं लड़ेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कारण जो भी हो लेकिन इस निर्णय के बाद भाजपा भी पशोपेश में है कि आखिर अगला चेहरा चुनें तो किसे चुनें। सबकी निगाहें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर टिकी है। हालांकि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने पवन सिंह को मिलने के लिए दिल्ली बुलाया है और वह लखनऊ से सीधे दिल्ली के लिए निकल भी गए हैं। इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट भी किया है कि कुछ कारणवश आसनसोल की सीट छोड़ी है लेकिन अगले कदम की खुशखबरी कुछ ही देर में देंगे।

    उधर, एक बार फिर आसनसोल के लोगों की निगाहें इस सीट पर भाजपा के दावेदारों की ओर घूम गई है। इन दावेदारों में अग्निमित्रा पाल तब से नहीं दिख रहीं हैं जब से पवन सिंह के नाम का ऐलान किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह कोलकाता में हैं। लेकिन इस सीट के एक और भाजपा के दावेदार जितेंद्र तिवारी पहले की तरह ही इलाके में सक्रिय हैं। कार्यक्रमों में सरीक हो रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं। हालांकि उन्होंने पवन सिंह के इस निर्णय पर कोई बयान नहीं दिया है।

    उन्होंने सिर्फ यही कहा है कि प्रत्याशी देना यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का अधिकार है। पवन सिंह क्यों अपना नाम वापस ले रहे हैं इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। अगर वह चुनाव लड़ते हैं जो उन्हें जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। चुनाव लड़ना मकसद नहीं है, चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करना ही एक मात्र उद्देश्य है, चाहे प्रत्याशी कोई भी तय करे शीर्ष नेतृत्व।

    संदेश लिखा गया मिटाया नहीं गया

    दरअसल, जैसे ही भाजपा द्वारा आसनसोल की सीट के लिए पवन सिंह के नामों की घोषणा की गई स्थानीय संगठन के लोग उत्साहित हो गए और दीवारों पर उनके समर्थन में प्रचार संदेश भी लिखना शुरू कर दिया। हालांकि, रविवार सुबह जब पवन सिंह ने आसनसोल सीट छोड़ने का एलान किया तो जहां उनके समर्थन में संदेश लिखे गए थे उसे मिटाया नहीं गया। अब शायद स्थानीय भाजपा संगठन के लोग भी असमंजस में पड़ गए हैं कि किसके समर्थन में दीवार लेखन किया जाए, या फिर पहले लिखे गए संदेश को मिटा दिया जाए।