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    नंदीग्राम में राजा और वजीर से लड़ेगी एक फकीर

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 11 Mar 2021 11:59 PM (IST)

    अश्विनी रघुवंशी कुल्टी पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा सियासी युद्ध क्षेत्र नंदीग्राम। वही नंदीग्राम जिसे ...और पढ़ें

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    नंदीग्राम में राजा और वजीर से लड़ेगी एक फकीर

    अश्विनी रघुवंशी, कुल्टी: पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा सियासी युद्ध क्षेत्र नंदीग्राम। वही नंदीग्राम जिसे बंगाल में वाम मोर्चा के अंतिम मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्या बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनाना चाहते थे। नंदीग्राम और सिगुर आंदोलन के कारण वाम मोर्चा की सरकार चली गई। उसी वाम मोर्चा ने नंदीग्राम में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और भाजपा के सुवेंदू अधिकारी के खिलाफ कुल्टी के सामान्य परिवार की मीनाक्षी मुखर्जी को उम्मीदवार बनाया है। उनके पिता आसनसोल नगर निगम के कुल्टी कार्यालय में कर्मचारी हैं। मीनाक्षी माकपा के युवा संगठन भारतीय जनवादी नौजवान सभा (डीवाइएफआइ) की बंगाल प्रदेश अध्यक्ष है। बड़े चेहरों के साथ लड़ाई के सवाल पर मीनाक्षी ने कहा कि वे बेरोजगार करने वाले बड़े चेहरे हैं। लोकतंत्र की हत्या के लिए हिसा करने वाले बड़े चेहरे हैं। जिन्हें बड़ा चेहरा कह रहे हैं, वे चुनाव के बाद छोटे हो जाएंगे। दस साल पहले जो किसान वाम मोर्चा से नाराज थे, वही इस बार वाम मोर्चा को विजयी बनाएंगे। विशेष बातचीत में मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि बुद्धदेव सरकार नंदीग्राम और सिगुर के किसानों की जमीन इसलिए ली थी कि कारखाने खुल सकें। लोगों को रोजगार मिले। ममता दीदी और सुवेंदु अधिकारी ने मिल कर किसानों को गुमराह किया था। आज वही किसान अपनी जमीन पर कारखाना खोलने के लिए आवाज उठा रहे हैं। यकीन नहीं हो तो नंदीग्राम जाकर पूछ लीजिए। जिन किसानों ने गफलत में वाम मोर्चा को हराया था, वही किसान वाम मोर्चा गठबंधन को फिर बंगाल में वापस लाएंगे। आज नंदीग्राम में वाम मोर्चा का छोटा कार्यकर्ता भी बड़ा चेहरा है।

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    मीनाक्षी बोली, वे नंदीग्राम में पहली बार वोट मांगने जाएंगी। वैसे, उस इलाके में संगठन को मजबूत करने के लिए कई बार जा चुकी हैं। वहां की माटी की पुकार को सुनी हैं। समझती हैं। ......... जिसे दागी कहती थी, वही आज भाजपा के बड़े चेहरे

    मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि अगर बंगाल में भाजपा की हवा होती तो उसके पास हरेक विधानसभा क्षेत्र में इमानदार चेहरे होते। पांच से दस साल पहले के भाजपा नेताओं के भाषण सुन लीजिए। उस वक्त भाजपा जिन लोगों को दागी कहती थी, वही आज उस पार्टी के बड़े चेहरे हैं। अब भाजपा के लोग शारदा और नारदा घोटाले के आरोपितों की सूची क्यों नहीं सार्वजनिक करते। तृणमूल के जिन नेताओं पर आरोप लगाया था, उन्हीं को भाजपा ने अपनी नाव की पतवार थमा दी है। सोचिए कि बंगाल का क्या होगा। ....... ममता पर हमला गलत, मगर शुरू भी उन्होंने कराया मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि नंदीग्राम में ममता दीदी पर हमला गलत है। वे सीएम हैं। महिला हैं। जो कुछ भी हुआ, वो नहीं होना चाहिए था। मगर, राजनीतिक हिसा उन्होंने ही शुरूकराई। पंचायत चुनाव में विरोधी दलों के लोगों पर हमले हुए। लोकसभा चुनाव में भी तृणमूल के लोगों ने आतंक फैलाया था। यहां तक कि बंगाल विधानसभा के भीतर विधायकों पर हमला किया गया। यह सब बंगाल पर दाग है। लोकतंत्र में हिसा का कतई स्थान नहीं है। वाम मोर्चा के शासन में कभी भी राजनीतिक हिसा को बढ़ावा नहीं दिया गया था। कानून का शासन था। ....... मिथुन दा वामपंथी होते तो कभी भाजपा में नहीं जाते मीनाक्षी मुखर्जी बोली कि मिथुन दा वास्तव में वामपंथी होते तो कभी दक्षिणपंथी विचारधारा को स्वीकार नहीं करते। वास्तव में उनकी कोई विचारधारा नहीं है। विचारधारा कोई कपड़ा नहीं है जिसे चार बार बदला जाए। उन्होंने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती उस भाजपा में गए हैं जिसके शीर्ष नेता पूरे देश को बेचने में लगे हुए हैं। दस्तावेज हैं इसके। जनता ने भूल की तो बंगाल को भी बेच देंगे। किसानों की जमीन बिक जाएगी। ....... डीजीपी बदलने से भी बंगाल में कुछ नहीं बदलेगा नंदीग्राम में वाम मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की संयुक्त उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) बदलने से भी बंगाल में कुछ नहीं बदलेगा। एक-एक थाने में पुलिस वाले तृणमूल के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। तृणमूल सरकार के रहने पर ही रोजगार मांग रहे डीवाइएफआइ के नौजवान मैदुल इस्लाम मिद्दा को पुलिस ने इतना मारा कि वो मर गए। अब बंगाल को बंगाल के लोग ही बदल सकते हैं।