बेटियों के जन्म से बदलता भाग्य : प्रेमभूषण
आसनसोल : आसनसोल गौशाला में श्री श्याम पूजा मंडल के रजत जयंती पर चल रहे वार्षिकोत्सव में सरस रामकथा में सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कानपुर से आए प्रेमभूषण जी महाराज द्वारा सुमधुर भजनों के साथ कथा सुनकर भक्तगण राम की भक्ति में डूबे जा रहे हैं। शनिवार को कथा के चतुर्थ दिन भी शिल्पांचल के विभिन्न हिस्सों से भक्तों की भीड़ उमड़ी। चतुर्थ दिन के मुख्य यजमान श्री एवं श्रीमती अशोक सिंह ने पूजा-अर्चना की। प्रवचन के दौरान प्रेमभूषण महाराज ने श्री पुष्प वाटिका भ्रमण के प्रसंग के दौरान कहा कि मनुष्य सांसारिक व्याधियों में पड़कर अज्ञानी हो जाता है। वह अपने आसपास के परिवेश एवं लोगों को देखकर भी कुछ नहीं सीखता है। उन्होंने कहा कि बेटियों के जन्म से मनुष्य का भाग्य बदल जाता है। राजा जनक को भी एक पुत्र था। लेकिन उनका भाग्य जानकी के जन्म के बाद ही बदला। उन्होंने कहा कि बेटियों में पुत्र की अपेक्षा माता-पिता के प्रति अधिक स्नेह एवं प्रेम रहता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर आपका पुत्र वर्द्धमान में रहता है। आप उसे कहते हैं कि मेरी तबीयत खराब है तो वह यहां आने में तीन दिन लगा देगा। क्योंकि उसे ससुरालवालों की सेवा करनी है। वहीं अगर बेटी कोलकाता में है। आपने उसे कहा तो वह तीन घंटे में आपके पास चली आएगी। इसलिए सिर्फ बेटे या पुत्र की चाह रखना सही नहीं है। बेटियां लक्ष्मी का स्वरूप होती है। घर में कोई भी जन्म ले सभी को एक नजर से देखें। क्योंकि दोनों ही आपकी ही संतान है।
इस अवसर पर श्याम पूजा मंडल के सचिव दीपक तोदी, प्रवक्ता श्यामलाल केडिया, अध्यक्ष विष्णु जालुका, शंकरलाल शर्मा, प्रेम गोयल, जगदीश शर्मा, अरुण शर्मा, रविशंकर शर्मा, मुकेश अग्रवाल, दिलीप जालान, राजेश तुलस्यान, सतीश शर्मा, प्रमोद चौधरी, राजेश पंसारी, विजय केडिया, बाबूलाल अग्रवाल आदि लोग उपस्थित थे।
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