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    दूधाधारी नृसिंह की पूजा के साथ जागर शुरू

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    Updated: Sat, 26 Nov 2011 06:37 PM (IST)

    थराली, निज प्रतिनिधि : दूधाधारी नृसिंह की पूजा के साथ सिद्धपीठ नृसिंह मंदिर में देव जागर शुरू हो गए। आठ साल बाद आयोजित हो रही बधाण के वीरों की पूजा में पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा। विशेषकर ध्याणियों ने अपने ईष्ट देवता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

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    दक्षिणकाली सिद्धपीठ और दूधाधारी नृसिंह मंदिर सिमलसैंण में देव आह्वान के साथ जागर की शुरूआत हुई। गुरु किशन सिंह गुसांई ने सिद्धपीठ के 52 वीर, 78 भैरव, 64 काली और 54 चेड़े (शिव के गण) का आह्वान किया। आठ साल बाद आयोजित की जा रही पूजा में भाग लेने के लिए क्षेत्र ही नहीं दूर दराज के क्षेत्रों से भी भारी संख्या में लोग पहुंचे। मान्यता है कि दूधाधारी नृसिंह का पूरे विश्व में जोशीमठ के अलावा यह दूसरा मंदिर है। पुजारी दिगम्बर प्रसाद ने बताया कि इस सिद्धपीठ की दर्शन करने से भगवान बदरीनाथ के यात्रा के बराबर पुण्य मिलता है। इस मंदिर में रुद्रकाल महाकाल वीरभद्र का रुद्रावतार भी स्थापित है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वीर नृत्य बधाण के इन्हीं वीरों से सम्बन्धित है। कार्यक्रम के आयोजन में हेमवती नंदन चंदोला, प्रयाग चंदोला, मोहन दत्त, द्वारिका प्रसाद, मनोज चंदोला, बालादत्त चंदोला, विसम्बर चंदोला ने सहयोग दिया।

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