Updated: Sun, 05 Oct 2025 07:56 PM (IST)
यमुनोत्री हाईवे पर डामटा-नौगांव मार्ग पर चौड़ीकरण कार्य के कारण ढाई घंटे तक जाम लगा रहा जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हुई। राजस्थान से आए तीर्थयात्री ने यात्रा पर पछतावा जताया। पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने अवैज्ञानिक निर्माण पर सवाल उठाए और एनजीटी में शिकायत करने की चेतावनी दी। अधिकारियों ने कार्यदायी संस्था को फटकार लगाई और सुधार के निर्देश दिए।
संवाद सूत्र, जागरण, बड़कोट। यमुनोत्री हाईवे पर डामटा से नौगांव तक बेतरतीब ढंग से किए जा रहे चौड़ीकरण कार्य के चलते गत शनिवार रात यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। डामटा व सारीगाड़ के पास कार्यदायी संस्था ने सड़क को संकरा काटकर मलबा मार्ग पर ही छोड़ दिया, जिससे रात करीब आठ बजे से साढ़े दस बजे तक पूरे ढाई घंटे तक सैंकड़ों वाहन फंसे रहे।
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इस दौरान तीर्थयात्री व स्थानीय लोग निर्जन स्थानों पर बिना भोजन-पानी के परेशानी से जूझते रहे, लेकिन कोई भी प्रशासनिक सहायता नहीं मिली। राजस्थान से आए जयदेव यात्री ने कहा कि वे अपने माता-पिता संग यात्रा पर निकले हैं, लेकिन रास्ते में ऐसी स्थिति देखकर उन्हें पछतावा हो रहा है, अगर पहले पता होता तो वे यमुनोत्री यात्रा पर नहीं आते।
पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विकास के नाम पर हो रहा यह अवैज्ञानिक निर्माण कार्य न केवल स्थानीय लोगों के लिए यातना का कारण है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। मलबा सीधे यमुना नदी में डाला जा रहा है और धूल का गुबार घरों तक पहुंचकर स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि इस मुद्दे को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक ले जाया जाएगा। इस मामले पर नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता मनोज रावत ने कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर को कड़ी फटकार लगाई और निर्देश दिए कि यदि गुणवत्ता और राहगीरों की समस्याओं पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया गया तो उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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