Chardham Yatra Update: यमुनोत्री हाईवे पर गहराया संकट, यात्री कर रहे खुद को ठगा महसूस
यमुनोत्री नेशनल हाईवे सिलाई बैंड से जानकीचट्टी तक जर्जर हो गया है नारद चट्टी के पास यमुना में मार्ग समाने से अवरुद्ध है। बड़कोट में यात्री खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मार्ग बंद होने की सही जानकारी नहीं मिल रही। यात्रियों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और पंजीकरण केंद्रों पर सही सूचना देने की मांग की है।
संवाद सूत्र जागरण, बड़कोट। यमुनोत्री नेशनल हाईवे सिलाई बैंड से जानकी चट्टी तक बुरी तरह जर्जर हो चुका है। रविवार तक नारद चट्टी के पास करीब 100 मीटर हिस्सा यमुना में समां गया, जिससे मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है। स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर पहाड़ियों से होकर अपने गांवों की ओर जा रहे हैं। हालांकि यात्री निर्बाध रूप से बड़कोट तक पहुंच रहे हैं, लेकिन बड़कोट पहुंचकर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
यात्री पंजीकरण केंद्र बड़कोट के अनुसार शुक्रवार को 26, शनिवार को 29 और रविवार को 10 यात्रियों का पंजीकरण हुआ। केंद्र प्रबंधन का कहना है कि जिन यात्रियों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी, उन्हें खरादी तक भेजा गया, लेकिन उसके आगे मार्ग बंद होने से वे वापस लौट गए।
कच्छ भुज (गुजरात) से आए 40 तीर्थयात्रियों के दल प्रमुख मयूर चौहान ने जागरण से बातचीत में बताया कि वे दो दिनों से बड़कोट में रुके हैं। रविवार को किसी तरह खरादी तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि न तो मार्ग खोलने की कोई जानकारी दी जा रही है और न ही वैकल्पिक व्यवस्था। यात्रियों का कहना है कि यदि उन्हें ऋषिकेश या आनलाइन ही सही सूचना मिल जाती तो वे बेवजह यहां तक न आते।
यात्रियों राजेश गुचिया, महेश भानुशाली और धीरेंद्र परमार ने स्थानीय प्रशासन से मांग की कि यात्रियों को इस तरह परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि मार्ग बंद है तो पंजीकरण केंद्रों पर ही रोक कर स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए।
वहीं, पर्यटन अधिकारी केके जोशी ने कहा कि यात्री पंजीकरण जांच केंद्र निदेशालय द्वारा नियंत्रित और मानिटर होते हैं, जबकि मार्ग खुलने-बंद होने की सूचना देना पुलिस का कार्यक्षेत्र है।
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