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    Yamunotri Dham से बिना दर्शन के लौटे ढाई हजार यात्री, जाम में फंसे तीर्थ यात्रियों के सब्र का बांध टूटा; चिल्‍लाने लगे 'उत्तराखंड हाय हाय'

    Yamunotri Dham बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों को यमुनोत्री धाम में दर्शन के बिना ही वापस लौटना पड़ा। तीर्थयात्रियों ने प्रशासन पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया। वहीं सोमवार की सुबह से जाम में फंसे तीर्थ यात्रियों के सब्र का बांध टूटा। तीर्थ यात्रियों ने उत्तराखंड हाय हाय के नारे लगाए। अव्यवस्थाओं के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के बिना ही तीर्थ यात्री वापस लौट रहे हैं।

    By Guruvendra singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Tue, 14 May 2024 07:52 AM (IST)
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    Yamunotri Dham: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के बिना ही तीर्थ यात्री वापस लौट रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: Yamunotri Dham: जिला प्रशासन की नाकामी से बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों को यमुनोत्री धाम में दर्शन के बिना ही वापस लौटना पड़ा। इससे निराश तीर्थयात्रियों ने प्रशासन पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया।

    सोमवार को यमुनोत्री धाम में रात 8 से 10 बजे तक तीर्थ यात्रियों का बड़ा जत्था पहुंचा, लेकिन शाम की आरती के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट रात्रि के लिए बंद कर दिए गए। ‌यमुनोत्री धाम में आरती के बाद रात्रि के लिए कपाट बंद किए जाने की नियमित प्रक्रिया है।

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    दर्शन न होने पर आक्रोश

    धाम में श्रद्धालुओं ने दर्शन न होने पर आक्रोश जताया। इसके बाद करीब दो से ढाई हजार तीर्थ यात्री बिना दर्शन करके वापस जानकी चट्टी लौटे। भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता गणेश सिंह पंवार ने कहा कि अव्यवस्थाओं के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के बिना ही तीर्थ यात्री वापस लौट रहे हैं।

    वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी के गंगनानी और हर्षिल के बीच सोनगाड़ के पास सोमवार की सुबह से जाम में फंसे तीर्थ यात्रियों के सब्र का बांध टूटा। तीर्थ यात्रियों ने उत्तराखंड हाय हाय के नारे लगाए। सरकार सहित स्थानीय प्रशासन पर भी यात्रियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।

    निर्जन इलाके में सुबह से रोका गया

    तीर्थ यात्रियों ने कहा कि उन्हें एक निर्जन इलाके में सुबह से रोका गया है। सोनगाड़ क्षेत्र में चाय पानी खाने की भी कोई सुविधा नहीं है। गेट सिस्टम के नाम पर पुलिस और प्रशासन 12 से 14 घंटे तक रोक रहा है। इस क्षेत्र से प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भी नदारद हैं।