उत्तरकाशी में ओपन टनल के ऊपर हो रहे भूस्खलन के उपचार को भेजा प्रस्ताव, तांबाखाणी सुरंग को लेने की कवायद जारी
उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर बनी ओपन टनल के ऊपर हो रहे भूस्खलन के उपचार के लिए बीआरओ ने केंद्रीय मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। 320 मीटर लंबी इस टनल का निर्माण 2021 में हुआ था, और पिछले साल से इस पर भूस्खलन हो रहा है। बीआरओ अब टनल की सुरक्षा के लिए भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का उपचार करेगा। साथ ही, तांबाखाणी सुरंग को भी अपने अधिकार में लेने की कवायद जारी है।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो गंगोत्री हाईवे पर बनी ओपन टनल के ऊपर सक्रिय भूस्खलन का उपचार होगा। इसके लिए बीआरओ ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि इसी साल राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) से ओपन टनल बीआरओ को हस्तांतरित की गई है।
दरअसल, जिला मुख्यालय में गंगोत्री हाईवे पर चुंगी बड़ेथी व ज्ञानसू के बीच करीब 320 मीटर लंबी ओपन टनल या सड़क सुरक्षा गैलरी का निर्माण वर्ष 2021 में पूरा हुआ था। गत वर्ष इस टनल के ऊपर भूस्खलन हुआ था। शुरू में कार्यदायी संस्था एनएचआइडीसीएल के अधिकारियों ने टनल को किसी भी तरह के खतरे से इंकार किया था।
हालांकि, बाद में यहां निर्माण कंपनी के माध्यम से सुरक्षात्मक कार्य करवाए गए। लेकिन सुरक्षात्मक कार्य के बावजूद इस साल दोबारा यहां मानसून काल में भूस्खलन होता है। इस बीच यह टनल अब एनएचआइडीसीएल से बीआरओ को हस्तांतरित हो चुकी है।
इस कारण अब बीआरओ की ओर से टनल की सुरक्षा के मध्येनजर दो साल से टनल के ऊपर बने भूस्खलन प्रभावित हिस्से के उपचार का प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है। बीआरओ के कमांडर राजकिशोर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलते ही यहां भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट का काम शुरू कराया जाएगा, ताकि टनल को किसी तरह का खतरा न रहे।
तांबाखाणी सुरंग को भी अधिकार में लेने की कवायद
बीआरओ के कमांडर राजकिशोर ने बताया कि जिला प्रशासन के आग्रह पर पूर्व में बीआरओ ने गंगोत्री हाईवे पर ज्ञानसू व बाजार क्षेत्र को जोड़ने वाली तांबाखाणी सुरंग को अपने अधिकार में लेने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखा था।
बताया कि इसे लेकर पुन: अवगत कराया गया है कि यदि मंत्रालय मंजूरी देता है तो बीआरओ तांबाखाणी सुरंग का भी हस्तांतरण लेगा, जिसके बाद इसकी मरम्मत के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा।

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