तेलगाड़ में भूस्खलन के बाद सही स्थिति का पता लगाने के लिए बड़े ड्रोन की जरूरत
उत्तरकाशी में तेलगाड के मुहाने पर भूस्खलन के बाद वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए बड़े ड्रोन की आवश्यकता है। एसडीआरएफ के जिला प्रभारी जेपी बिजल्वाण ने बताया कि भौगोलिक स्थिति कठिन होने के कारण मुहाने तक पहुंचना मुश्किल है। सेना के ड्रोन से भी दूर की तस्वीरें ही मिल पाई हैं जिससे पानी का प्रवाह अवरुद्ध होता दिख रहा है।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी । तेलगाड के मुहाने पर हुए भूस्खलन के बाद वास्तविक स्थिति जानने को बड़े ड्रोन की दरकार है। एसडीआरएफ के जिला प्रभारी जेपी बिजल्वाण का कहना है कि विकट भौगोलिक परिस्थिति के चलते मुहाने तक पहुंच पाना संभव नहीं है। उनके पास बड़ा ड्रोन नहीं है, जिससे वास्तविक स्थिति का पता किया जा सके।
सेना के ड्रोन से भी दूर की ही तस्वीरें सामने आईं
सेना के ड्रोन से भी यहां दूर की ही तस्वीरें सामने आईं हैं, जिससे दो जगह पर गाड के पानी का प्रवाह अवरुद्ध होता नजर आ रहा है। हालांकि कुछ पानी नीचे से आता भी दिख रहा है। एसडीआरएफ के जिला प्रभारी बिजल्वाण ने कहा कि तेल गाड के मुहाने पर जहां भूस्खलन हुआ है, वहां पर हवाएं बहुत तेज गति से चल रही है। ऐसे में छोटे ड्रोन से वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास सफल होना असंभव है। छोटा ड्रोन हवा से नीचे कर सकता है।
बताया कि यहां पर करीब 15 किलो से ऊपर के बड़े ड्रोन से ही वास्तविक स्थिति का पता चल सकता है, जिला प्रशासन की ओर से इस तरह का ड्रोन मंगवाये जाने की जानकारी मिली है। बताया कि ऐसे ड्रोन से फोटो व वीडियोग्राफी कराई जायेगी तो तेलगाड में झील बनने व भूस्खलन के मलबे से भविष्य में किसी तरह का खतरा हो सकता है या नहीं। इसका पता चल जायेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।