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    उत्तरकाशी में भालूओं की दहशत...5 माह में किए 11 हमले, अब तक दो की गई जान

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 01:12 PM (IST)

    उत्तरकाशी जिले में भालुओं का आतंक छाया हुआ है। पिछले पाँच महीनों में भालुओं ने 11 हमले किए हैं, जिनमें दो लोगों की जान चली गई है। वन विभाग के अनुसार, भालू भोजन की तलाश में गाँवों में घुस रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। जनपद में शीत निंद्रा भूलकर भालू हमलावर होते जा रहे हैं। यहां पांच माह में भालू के हमलों की 11 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें दो महिलाएं अपनी जान गवां चुकी हैं, जहां पहले भालू के हमले शाम ढलने पर रात में ही हो रहे थे, अब यह दिन में ही हो रहे हैं।

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    इससे वन क्षेत्र से लगे गांवों में ग्रामीण दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं। सामान्यतया भालू अगस्त से अक्टूबर तक खाना जुटाकर नवंबर से मार्च माह तक शीत निंद्रा पर चले आते हैं। लेकिन पिछले चार-पांच सालों से भालुओं के स्वभाव में बदलाव देखने को मिल रहा है।

    वह एक तरह से शीत निंद्रा भूलकर खाने की तलाश के आबादी क्षेत्र के निकट तक पहुंच रहे हैं। जहां पहले भालू सेब सहितअन्य फसलों को नुकसान पहुंचाते थे। अब इंसानों पर भी हमलावर हैं। इसके चलते ग्रामीण महिलाएं पशुओं के लिए चारापत्ती लेने तक वन क्षेत्र नहीं जा पा रही हैं।

    वहीं, वन क्षेत्र से लगे खेतों में खेतीबाड़ी का काम करना भी जोखिमभरा हो गया है। उत्तरकाशी जनपद की बात करें तो यहां बीते जुलाई माह से ही भालू के हमलों की शुरुआत हो गई थी। छह जुलाई को मोरी के जखोल गांव में भालू ने एक व्यक्ति को हमलाकर घायल किया था।

    इसके बाद से ही मोरी व भटवाड़ी तहसील में सर्वाधिक मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही है। भटवाड़ी तहसील के औंगी व हीना गांव में भालू के हमले से बचाव को भागते हुए दो महिलाएं पहाड़ी से गिरकर अपनी जान भी गवां चुकी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से भालुओं को भागने के लिए एनाइडर सिस्टम सहित अन्य संसाधन मंगवाए गए हैं। इधर, ग्रामीण जल्द से जल्द सुरक्षात्मक उपायों की मांग कर रहे हैं।

    अब तक हुई घटनाएं

    • 6 जुलाई को मोरी के जखाेल गांव में भालू ने एक व्यक्ति को हमलाकर किया घायल।
    • 20 सितंबर को भटवाड़ी के सालंग गांव में भालू ने एक महिला को हमलाकर किया गंभीर घायल।
    • 17 अक्टूबर को मोरी के ग्राम पंचायत मौंडा में भालू के हमले में नेपाली मूल का चौकीदार घायल।
    • 26 अक्टूबर को भटवाड़ी के औंगी गांव में भालू के हमले से बचने को दौड़ी महिला की पहाड़ी से गिरने से मौत।
    • 31 अक्टूबर को मोरी के थुनारा गांव में भालू ने अधेड़ व्यक्ति को हमलाकर किया घायल।
    • 6 नवंबर को भटवाड़ी तहसील के हीना गांव में भालू के हमले के चलते महिला की मौत।
    • 11 नवंबर को भटवाड़ी तहसील की असी गंगा घाटी के सेकू गांव में भालू ने महिला पर किया हमला।
    • 18 नवंबर को मंगलपुर गांव में दो नेपालियों पर भालू का हमला
    • 22 नवंबर को हर्षिल घाटी में नेपाली मूल के व्यक्ति पर भालू का हमला
    • 23 नवंबर को मोरी के ओसला गांव में भालू ने महिला को किया घायल।
    • 27 नवंबर को रैथल गांव में एक युवक पर भालू का हमला।


    1500 से 3500 मीटर की ऊंचाई तक काला भालू पाया जाता है। जलवायु परिवर्तन व बर्फबारी न होने के चलते भी भालू शीत निंद्रा भूलकर सक्रिय हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं कम हों, इसके लिए ग्रामीणों को लगातार सतर्कता बरतने के लिए जागरुक किया जा रहा है।

                                                                                         डीपी बलूनी, डीएफओ उत्तरकाशी वन प्रभाग।